नई दिल्ली। मौजूदा भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को बेहतरीन माना जा रहा है। इसमें
इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाज भारत को देश और विदेश में जीत दिला रहे हैं। भारतीय टीम में मुख्य
रूप से स्पिनर्स और बल्लेबाजों का दबदबा रहा है। भारतीय पिचें भी स्पिनर्स के लिए मुफीद होती हैं। 1980 के
दशक में कपिल देव से भारत में तेज गेंदबाजी की परंपरा की शुरुआत मानी जाती है इसके बाद जवागल श्रीनाथ ने
उसे आगे बढ़ाया इसके बाद जहीर खान ने कमान संभाली।
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल का कहना है कि कई बार जहीर खान और जवागल श्रीनाथ के सामने
कीपिंग करना काफी मुश्किल होता था। पटेल ने कपिल देव के अलावा उपरोक्त सभी के साथ टेस्ट मैच खेला है।
पार्थिव ने 2002 में 17 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया। उन्होंने श्रीनाथ के साथ तीन टेस्ट मैच खेले।
तब जवागल श्रीनाथ अपने करियर के अंतिम दौर में थे।
पटेल ने एक वेबसाइट से कहा, 'जहीर और जवागल श्रीनाथ खेल रहे थे तो भी एक बड़ी चुनौती थी। पिच में ज्यादा
उछाल नहीं था।।' उन्होंने कहा, 'भारत में आपको विदेशों के मुकाबले विकेट के अधिक करीब खड़ा होना पड़ता है।
तो मैंने यह सीखा कि जब गेंद रिवर्स स्विंग हो रही हो तो आपको कहां खड़े होना है।'
पटेल ने ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा और जवागल श्रीनाथ के बीच समानताएं भी बताईं। पटेल
ने कहा, 'लोग ग्लेन मैक्ग्रा के बारे में बात करते हैं लेकिन जब मैंने पहली बार श्रीनाथ के खिलाफ विकेटकीपिंग की
तो महसूस किया कि वह अच्छी रफ्तार और उछाल के साथ बिलकुल सही लाइन पर गेंदबाजी कर रहे थे।'
पार्थिव पटेल ने आखिरी बार श्रीनाथ के सामने अक्टूबर 2002 में विकेटकीपिंग की थी। यह मैच कोलकाता के
ईडन गार्डंस में वेस्टइंडीज के खिलाफ था। उन्होंने कहा, 'श्रीभाई (श्रीनाथ) अपनी आखिरी सीरीज खेल रहे थे। इसके
बाद उन्होंने कोई टेस्ट मैच नहीं खेला।' अपनी आखिरी सीरीज में भी उन्होंने अच्छी रफ्तार और सटीकता से
गेंदबाजी की।
2003 वर्ल्ड कप के बाद श्रीनाथ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने भारत के लिए 67 टेस्ट
मैच और 229 वनडे इंटरनैशनल मुकाबले खेले। उन्होंने टेस्ट में 236 और वनडे में 315 विकेट लिए।