रोटरडम। आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने को आतुर भारतीय पुरूष हॉकी टीम
नीदरलैंड के खिलाफ यहां शनिवार से शुरू हो रहे एफआईएच प्रो लीग के आखिरी मुकाबले में जीत के साथ
आत्मविश्वास हासिल करने के इरादे से उतरेगी।
पिछले सप्ताह तोक्यो ओलंपिक चैम्पियन बेल्जियम के खिलाफ मुकाबले में भारत ने पहला मैच शूटआउट में 5.4
से जीता लेकिन दूसरे में 2.3 से हार गई। अब 14 मैचों के बाद प्रो लीग की तालिका में भारत 29 अंक लेकर
तीसरे स्थान पर है।
बेल्जियम 14 मैचों में 31 अंक लेकर नीदरलैंड के साथ शीर्ष पर है। नीदरलैंड के भी 31 अंक हैं लेकिन उसने 12
मैच ही खेले हैं।
भारत के पास अभी भी शीर्ष पर रहने का मौका है और भारत की नजरें नीदरलैंड के खिलाफ दोनों मैच जीतने पर
लगी होंगी। लेकिन दुनिया की तीसरे नंबर की टीम को हराना उतना आसान नहीं है और इतनी मजबूत टीम से
भारत को कड़ी चुनौती मिलेगी।
यूरोपीय हालात में बड़ी टीमों से खेलने का फायदा भारत को 28 जुलाई से आठ अगस्त तक बर्मिंघम में होने वाले
राष्ट्रमंडल खेलों में मिलेगा।
इन मैचों से भारतीय टीम को खुद को आंकने का मौका मिलेगा।
दुनिया की नंबर एक टीम बेल्जियम के खिलाफ अमित रोहिदास की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने जबर्दस्त
जुझारूपन दिखाया और वे इस लय को कायम रखना चाहेंगे।
भारतीय उपकप्तान और ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह का मानना है कि बेल्जियम और नीदरलैंड के खिलाफ दोनों
मुकाबलों से राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी पुख्ता होगी।
उन्होंने कहा,‘‘ प्रो लीग में लगातार खेलने से हमें काफी फायदा मिला है। इसमें हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ 12 टीमों
के खिलाफ खेल रहे हैं। हर मैच के बाद रणनीति बदलती है जिससे काफी फायदा मिल रहा है।हम खेल के हर पहलू
के बारे में सीख रहे हैं।’
भारत के पास अभी भी लीग जीतने का मौका है लेकिन हरमनप्रीत ने कहा कि उनकी नजरें अभियान के
सकारात्मक अंत पर लगी है, बाकी किस्मत और दूसरे मैचों के नतीजों पर निर्भर करेगा।
उन्होंने कहा,‘‘ यह हमारे आखिरी दो मैच है और हमें हर हालत में जीतना है। शीर्ष तीन टीमों में ज्यादा फर्क नहीं
है लेकिन नीदरलैंड के पास फायदा है कि उसे चार मैच और खेलने हैं जबकि बेल्जियम के पास दो मैच हैं।’’
भारतीय महिला टीम भी ओलंपिक रजत पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की टीम अर्जेंटीना से खेलेगी जो
पिछले 14 मैचों से अपराजेय है।
भारतीय महिला टीम बेल्जियम से 1.2 से और 0.5 से हार गई थी। भारत तालिका में तीसरे स्थान पर है जबकि
नीदरलैंड दूसरे और अर्जेंटीना शीर्ष पर हैं।
भारतीय कप्तान सविता ने कहा कि खिलाड़ियों को एक जुलाई से स्पेन और नीदरलैंड में होने वाले विश्व कप के
लिये टीम में जगह बनाने के लिये दबाव का सामना करना सीखना होगा।
उन्होंने कहा,‘‘ खिलाड़ियों को हालात के अनुरूप ढलना होगा और दबाव का सामना करना होगा। यहां 24 खिलाड़ियों
की टीम है, फिर 20 होंगे और फिर 18। दबाव तो है लेकिन दबाव का सामना करना होगा।’’