सेंचुरियन। केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम की हरी पिच से सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क की भूरी पिच तक काफी कुछ बदल गया है। दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद जहां दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज मोर्ने मॉर्केल कह रहे थे कि यह तो भारतीय पिच है तो वहीं चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद पारी में चार विकेट लेने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी कह रहे थे पता नहीं क्या सोचकर यह विकेट दिया गया है।
शमी ने पिच को लेकर निकाला गुस्सा
मंगलवार को यहां पर गेंद टिप्पा खाने के बाद बहुत नीचे आ रही थी। जब इस बारे में शमी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें बिलकुल ऐसी उम्मीद नहीं थी कि यहां पर गेंद इतनी नीचे आएगी। अभी तक के विदेशी दौरों पर मैंने ऐसी पिच नहीं देखी है जहां पर इतनी नीचे और धीमी गेंद आ रही हो। इसलिए मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या सोचकर यह विकेट खेलने के लिए दिया है। हालांकि, जो भी विकेट हो हमें उसी पर खेलना पड़ता है और दोनों टीमों के लिए एक ही जैसी परिस्थितियां होती हैं। हम पांचवें दिन जीतने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आप इस विकेट को देखोगे तो यह पहले दिन से लगातार धीमा होता गया। आज भी ऐसा था और इसके कारण आपको अतिरिक्त दम लगाना पड़ रहा था। हमने यहां 110-120 फीसद प्रयास किया।
कप्तान पर निर्भर करती है गेंदबाजी
दिन के दूसरे सत्र में सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कप्तान के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसे गेंदबाजी कराता है। यह परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है जैसे मैंने लंच के ठीक पहले गेंदबाजी की है तो मैं तुरंत बाद में गेंदबाजी नहीं कर सकता। कप्तान भी रोटेशन के हिसाब से गेंदबाजी कराने के बारे में सोचते हैं। मेरी योजना यही थी कि मुझे जितनी गेंदबाजी मिलेगी उसमें मैं गेंदबाजी करूंगा।
उन्होंने चोट के कारण ऐसा होने से इन्कार किया। चार विकेट लेने पर परेशान होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है कि आप ज्यादा गेंदबाजी करना चाहते हो, लेकिन कप्तान सोचता है कि हमें टीम को जल्दी आउट करना है। आपको इस बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए, लेकिन अंदर से तो लगता ही है कि आप पांच विकेट ले सकते थे। हालांकि, टीम के हिसाब से आपको ऐसा नहीं सोचना चाहिए।
पता नहीं आप लोग क्या देख रहे हो
जब शमी से पूछा गया कि विदेशी दौरों पर आपका रिदम ठीक नहीं रहता तो उन्होंने कहा कि पता नहीं आप लोग क्या देख रहे हो? आप लोगों को लगता है कि मैं हमेशा तूफान की तरह आऊं और तूफान में उड़ने लगूं। मुझे यह समझ में नहीं आता। आपको विकेट के हिसाब से गेंदबाजी करनी होती है। यह पांच दिनी मैच है, दो या तीन दिन का मैच नहीं। आपको अपनी ताकत बचाकर रखनी होती है। आपको टीम के हिसाब से काम करना होता है।
हम रोबोट और मशीन नहीं
स्लिप में कैच छूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आप कुछ ज्यादा ही गिन रहे हैं, लेकिन ये वैसा भी नहीं है। जब आप एक यूनिट की तरह खेलते हैं और 15 लोग देश के लिए खेलते हैं तो सबको आपस में मिलकर खेलना पड़ता है। ये हमारे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और उन्हें ही स्लिप में खड़ा किया है। आप कुछ कैच छोड़ेंगे। यह खेल का हिस्सा है। हम रोबोट और मशीन नहीं जो सभी कैच पकड़ें। हम सिर्फ प्रयास कर सकते हैं, बाकी भाग्य पर निर्भर करता है।