तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू वर्षों से महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में प्रबल दावेदार रही हैं लेकिन स्नैच में 90 किग्रा का वजन उठाने वाले भारोत्तोलकों की बढ़ती तादाद बढ़ती जा रही है । जिससे मणिपुर की इस खिलाड़ी पर इस वजन तक पहुंचने का दबाव बढ़ता जा रहा है।सात भारोत्तोलक स्नैच वर्ग में 90 किग्रा या इससे ज्यादा का वजन उठा चुकी हैं जिसमें से पांच इस मौजूदा ओलंपिक चक्र में ही शामिल हैं। मीराबाई 2019 से ही स्नैच में इस वजन को उठाने के लिए काम कर रही हैं लेकिन पिछले चार वर्षों में दो प्रयासों में वह विफल रही हैं। पहला प्रयास उन्होंने फरवरी 2020 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में और फिर पिछले साल बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में किया। स्नैच में उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88 किग्रा ही रहा है जिससे उनके और उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच अंतर प्रत्येक टूर्नामेंट में बढ़ता ही जा रहा है। चीन की तोक्यो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता होऊ झिहुई और दो बार की विश्व चैम्पियन जियांग हुईहुआ टूर्नामेंट में लगातार 90 किग्रा से ज्यादा का वजन उठा रही हैं।
दो साल के प्रतिबंध के बाद वापसी करने वाली थाईलैंड की भारोत्तोलक थान्याथोन सुकचारोएन और सुरोदचना खाम्बाओ की वापसी से प्रतिस्पर्धिता और बढ़ गयी है। दोनों ने इस साल मई में एशियाई चैम्पियनशिप में स्नैच में 90 किग्रा का भार उठाया। यूरोपीय चैम्पियन रोमानिया की मिहाएला वालेंटिना काम्बेई (92 किग्रा) और उत्तर कोरिया की रि सोंग गम (91 किग्रा) दो अन्य एथलीट हैं जिन्होंने स्नैच में 90 किग्रा से ज्यादा का वजन उठाया है। चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से शुरु होने वाले एशियाई खेल इस स्टार भारतीय भारोत्तोलक के लिए स्नैच में 90 किग्रा का वजन उठाने का शानदार मौका होगा।
भारत के मुख्य कोच विजय शर्मा ने पीटीआई-से कहा, ‘‘हम एशियाई खेलों में स्नैच में 90 किग्रा का वजन उठाने का लक्ष्य बनाये हैं। हम काफी समय से इस लाइन को पार करने की कोशिश कर रहे हैं। ’’ क्लीन एवं जर्क में मीराबाई अपने प्रतिद्वंद्वियों के बराबर हैं, हालांकि इस वर्ग में उनका 119 किग्रा का विश्व रिकॉर्ड इस महीने विश्व चैम्पियनशिप में हुईहुआ ने 120 किग्रा का भार उठाकर तोड़ दिया। लेकिन स्नैच में प्रदर्शन से उनका कुल वजन कम होता गया।
पूर्व विश्व चैम्पियन ने इस साल एशियाई खेलों को प्राथमिकता दी हुई है क्योंकि उनकी ट्राफियों की कैबिनेट में सिर्फ इसी पदक की कमी है। एशियाड में भारोत्तोलन के ‘पावरहाउस’ जैसे चीन और थाईलैंड भी हिस्सा ले रहे हैं जिससे मीराबाई को हांगझोउ में पोडियम स्थान हासिल करने के लिए अपने खेल में सुधार करना होगा।