माउंट मोनगानुई। मिताली राज भारत को खिताब दिलाकर अपने शानदार करियर का अंत
करना चाहेंगी तो इंग्लैंड की हीथर नाइट खिताब बचाने और आस्ट्रेलिया की मेग लैनिंग अपनी टीम को सातवीं बार
चैंपियन बनाने की प्रतिबद्धता के साथ शुक्रवार से शुरू होने वाले आईसीसी महिला एकदिवसीय विश्व कप में
उतरेंगी।
कोविड-19 महामारी के कारण एक साल बाद आयोजित किया जा रहा यह टूर्नामेंट जैव सुरक्षित वातावरण (बायो
बबल) में छह स्थानों पर खेला जाएगा। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट लीग प्रारूप में खेला जाएगा, जहां सभी आठ टीम
एक दूसरे का सामना करेंगी जिनमें से शीर्ष पर रहने वाली चार टीम सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई करेंगी।
भारत 2005 और पिछली बार (2017) का उप विजेता है। वह रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ
अपने अभियान की शुरुआत करेगा, जबकि 2000 में खिताब जीतने वाला न्यूजीलैंड टूर्नामेंट के पहले मैच में
वेस्टइंडीज से भिड़ेगा। सर्वाधिक छह बार खिताब जीतने वाला आस्ट्रेलिया अपने पहले मैच में मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड
का सामना करेगा। इंग्लैंड ने चार बार खिताब जीता है।
एक महीने तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में अनुभवी और युवा खिलाड़ी अपना कौशल दिखाएंगे। मिताली, झूलन
गोस्वामी, सूजी बेट्स और मेगान शट जैसी खिलाड़ी जहां अपने चमकदार करियर को नया आयाम देना चाहेंगी वहीं
शेफाली वर्मा, ऋचा घोष, फ्रान जोन्स और डार्सी ब्राउन जैसी किशोरियां अपनी छाप छोड़ने के लिये बेताब होंगी।
आस्ट्रेलिया को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वह पिछली बार सेमीफाइनल में भारत से मिली हार को
भुलाकर नयी शुरुआत करने के लिये उतरेगा।
पिछले चार वर्षों में हालांकि आस्ट्रेलिया ने दबदबे वाला प्रदर्शन किया है जिसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है
कि उसने 50 ओवरों के प्रारूप में पिछले 30 मैचों में केवल एक मैच गंवाया है। विश्व कप में 2009 से अपनी छाप
छोड़ रही आलराउंडर एलिस पैरी बेहतरीन फॉर्म में हैं। एलिसा हीली, मेग लैनिंग, पैरी और बेथ मूनी जैसी खिलाड़ियों
की मौजूदगी में आस्ट्रेलिया की टीम काफी मजबूत नजर आती है।
भारत अभी तक विश्व कप नहीं जीत पाया है और पिछली बार का उप विजेता इस बार उससे एक कदम आगे
बढ़ना चाहेगा। मिताली और झूलन का यह आखिरी विश्व कप होगा जिसे वे यादगार बनाना चाहेंगी।
भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले चार वनडे गंवाने के बाद पांचवें मैच में शानदार वापसी की जिससे उसका
मनोबल बढ़ा होगा। मिताली और झूलन की भूमिका अहम होगी लेकिन अच्छी फॉर्म में चल रही ऋचा घोष, सलामी
बल्लेबाज स्मृति मंधाना और अनुभवी हरमनप्रीत कौर का अच्छा प्रदर्शन भारत के लिये काफी मायने रखेगा।
मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड अपना खिताब बचाये रखने के लिये बेताब होगा। एशेज में हाल में मिली करारी हार के
बावजूद वनडे में पिछले विश्व कप के बाद इंग्लैंड सबसे सफल टीम रही है।
केट क्रास विश्व कप में अपने बहुप्रतीक्षित पदार्पण के लिये तैयार है। वह 2019 के बाद इंग्लैंड की सबसे सफल
गेंदबाज रही है। इंग्लैंड का दारोमदार टैमी ब्यूमोंट पर भी रहेगा जिन्हें पिछली बार टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
चुना गया था।
पिछली बार 22 साल पहले जब न्यूजीलैंड में टूर्नामेंट आयोजित किया गया था तो उसकी टीम चैंपियन बनी थी।
मेजबान देश फिर से उसे दोहराना चाहेगा।
सोफी डिवाइन की अगुवाई वाली टीम ने हाल में भारत को श्रृंखला में 4-1 से हराया और अभ्यास मैच में
आस्ट्रेलिया पर नौ विकेट से जीत दर्ज की। उसकी बल्लेबाज एमेलिया केर बेहतरीन फॉर्म में चल रही है। उन्होंने
अपनी बहन जेस केर के साथ मिलकर गेंदबाजी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उनके अलावा सूजी बेट्स, डिवाइन
और एमी सेटरथवेट न्यूजीलैंड की प्रमुख खिलाड़ी हैं।
दक्षिण अफ्रीका की टीम वेस्टइंडीज, पाकिस्तान और भारत के खिलाफ श्रृंखला जीतकर आत्मविश्वास से भरी है और
अपनी लय बरकरार रखने को बेताब है।
सुन लुस की टीम ने विश्व कप 2017 के बाद सभी टीम के खिलाफ वनडे खेले हैं। उसके पास शबनीम इस्माइल
जैसी खतरनाक तेज गेंदबाज तथा लॉरा वॉलवार्ट और लुस जैसी अनुभवी बल्लेबाज हैं।
कोविड-19 के कारण क्वालीफायर स्थगित किये जाने के कारण वेस्टइंडीज ने अपनी रैंकिंग के आधार पर विश्व कप
के लिये क्वालीफाई किया। उसकी टीम युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है।
वेस्टइंडीज का दारोमदार हालांकि ऑफ स्पिनर अनीसा मोहम्मद, कप्तानी स्टेफनी टेलर और डींड्रा डोटिन पर रहेगा।
पाकिस्तान ने अब तक चार विश्व कप में भाग लिया है जिनमें से तीन में वह सबसे निचले स्थान पर रहा। उसकी
टीम में कप्तान बिसमाह महरूफ और बायें हाथ की तेज गेंदबाज नशरा संधू का प्रदर्शन काफी अहम होगा।
बांग्लादेश की टीम पहली बार टूर्नामेंट में भाग ले रही है और वह अपनी छाप छोड़ने की कोशिश करेगी। विकेटकीपर
बल्लेबाज निगार सुल्ताना उसकी टीम की अगुवाई कर रही है।