भुवनेश्वर। बेल्जियम जैसी दिग्गज टीम को सडन डेथ में हराने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय टीम हॉकी विश्व लीग फाइनल के सेमीफाइनल में शुक्रवार को रियो ओलिंपिक की चैंपियन अर्जेटीना की चुनौतियों से पार पाते हुए फाइनल में जगह बनाने के लिए उतरेगी।
विश्व की नंबर एक टीम अर्जेंटीना ने गुरुवार को इंग्लैंड को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारत को अभ्यास मैच में अर्जेंटीना टीम पर मिली जीत के कारण जरूर फायदा मिलेगा, लेकिन इस टूर्नामेंट में खराब फॉर्म के बावजूद उलटफेर में माहिर अर्जेंटीना को हल्के में लेने की गलती मेजबान टीम नहीं करेगी।
खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम पर भारत ने बुधवार को बेल्जियम के खिलाफ जो मुकाबला जीता, वह बरसों तक हॉकीप्रेमियों को याद रहेगा। सटीक पेनाल्टी कॉर्नर, तेजतर्रार आक्रमण, अडिग डिफेंस और सबसे अहम जीत के तेवर सभी कुछ टीम के पास था।
पिछली चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से 1-1 ड्रॉ खेलकर उम्दा शुरुआत करने वाली भारतीय टीम इंग्लैंड (2-3) और जर्मनी (0-2) के खिलाफ हार गई। ऐसा लग रहा था कि पिछली बार की तरह कांसे का तमगा भी नहीं जीत सकेंगे, लेकिन क्वार्टर फाइनल में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम के खिलाफ मनप्रीत सिंह एंड कपंनी ने सारे कयासों को धता बताते हुए उलटफेर किया।
भारत का पेनाल्टी कॉर्नर बेहतर हुआ है और आम तौर पर दबाव में घुटने टेकने वाला डिफेंस भी शानदार नजर आ रहा है।
‘मैच दर मैच खेल में निखार आया है और भारतीय हॉकी का स्तर बेहतर होता जा रहा है। यह युवा टीम है जिसने गलतियां भी की हैं, लेकिन दबाव के मैच में अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद जगाई है। स्ट्राइकरों ने तो अच्छा प्रदर्शन किया ही, लेकिन डिफेंस की भी तारीफ करनी होगी जिसने बेल्जियम को ज्यादा मौके नहीं दिए। अब हालांकि इस जीत को भुलाकर अगले मैच पर ध्यान लगा है।’ – शोर्ड मारिन, कोच, भारत
ये है नंबर गेम-
भारत ने अर्जेंटीना के खिलाफ 46 मैच खेले हैं, जिसमें उसने 26 जीते और 16 हारे जबकि चार टाई रहे हैं।
जर्मनी सेमीफाइनल में-
वहीं, गुरुवार को खेले गए एक अन्य क्वार्टर फाइनल मैच में जर्मनी ने नीदरलैंड्स को शूटआउट में 4-3 से हराकर सेमीफाइनल का टिकट हासिल किया। निर्धारित समय तक स्कोर 3-3 से बराबर रहने के बाद शूटआउट का सहारा लिया गया जिसमें जर्मनी ने बाजी मारी। अब शनिवार को जर्मनी का सेमीफाइनल में मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा।