मल्टीमीडिया डेस्क। इंग्लैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड को क्रिकेट का ‘मक्का’ कहा जाता है। दुनियाभर के हर क्रिकेटर की तमन्ना इस ऐतिहासिक मैदान पर खेलने की होती है, लेकिन यह सौभाग्य चुनिंदा क्रिकेटरों को ही मिल पाता है। पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर अपने एक खास रिकॉर्ड की वजह से ‘लॉर्ड्स के लॉर्ड’ के रूप में भी जाने जाते हैं।
कर्नल के नाम से लोकप्रिय वेंगसरकर का आज (6 अप्रैल) को 62वां जन्मदिन है। वेंगसरकर दुनिया के एकमात्र ऐसे गैर इंग्लिश क्रिकेटर हैं जिनके नाम लॉर्ड्स पर लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक लगाने का दुर्लभ कीर्तिमान दर्ज है। वेंगसरकर ने यह उपलब्धि 1979, 1982 और 1986 में हासिल की थी।
वेंगसरकर ने 1979 में लॉर्ड्स पर पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाए, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने शतक (103) लगाया। इसके बाद 1982 के इंग्लैंड दौरे पर कर्नल ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच में 2 और 157 रन बनाए। 1986 में लॉर्ड्स टेस्ट में पहली पारी में नाबाद 126 रन बनाकर वेंगसरकर ने इस मैदान पर शतकों की हैटट्रिक लगाई। वे दूसरी पारी में 33 रन ही बना पाए। वेंगसरकर ने इस मैदान पर कुल चार टेस्ट मैच खेले (एक अन्य टेस्ट 1990 में) और 72.57 की औसत से 508 रन बना डाले।
लॉर्ड्स पर लगातार तीन टेस्ट शतक लगाने की उपलब्धि के बारे में वेंगसरकर ने कहा था, लॉर्ड्स पर खेलना हर क्रिकेटर का सपना होता है और मैं भी इससे अछूता नहीं हूं। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं इस ऐतिहासिक मैदान पर लगातार तीन टेस्ट शतक लगा पाया। मैं ऐसा इसलिए कर पाया क्योंकि मैं वहां अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था।
वेंगसरकर और लॉर्ड्स का गहरा नाता है और इसी के चलते जब लॉर्ड्स ने 100वें टेस्ट की मेजबानी की तो दुनियाभर से बुलाए गए चुनिंदा विशेष मेहमानों में वेंगसरकर भी शामिल थे। मुंबई के क्रिकेटर वेंगसरकर ने अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 116 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर 42.13 की औसत से 6868 रन बनाए, इसमें 17 शतक शामिल थे। उन्होंने इसके अलावा 129 वनडे मैचों में 34.73 की औसत से 3508 रन भी बनाए।