नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपियन खिलाड़ियों के संघ (ओएआई) ने ओलंपिक दिवस के मौके पर खेलों की लोगों और संस्कृतियों को जोड़ने की ताकत की अहमियत पर बात की। ओएआई ने साथ ही देश के पूर्व ओलंपिक खिलाड़ियों की बेहतरी के बारे में भी काम करने की बात कही ताकि वे ‘भुला दिये गये नायक’ न बन जायें। भारतीय ओलंपियन खिलाड़ियों की इस संस्था ने कहा कि वह कई विभिन्न तरह के कार्यक्रम करा रहा है ताकि ओलंपियन अपने अनुभव और विशेषज्ञता के योगदान से सभी को विशेषकर उभरते हुए चैम्पियन खिलाड़ियों को प्रेरित कर सकें।
वर्ष 2015 में बने इस संघ को विश्व ओलंपियन संघ (डब्ल्यूओए) से मान्यता प्राप्त है जो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) का अहम हिस्सा है। ओएआई की प्रेस विज्ञप्ति में इसके अध्यक्ष शिवा केशवन ने कहा, ‘हर चार साल में हम इन विशेष खिलाड़ियों से प्रेरित होते हैं। उन्होंने ओलंपिक में भारतीय ध्वज के पीछे परेड की थी और उनके प्रदर्शन को सभी ने सराहा था लेकिन बाद में उन्हें भुला दिया गया।’ उन्होंने कहा कि ओएआई इन सभी बीते समय के और भविष्य के ओलंपियनों के योगदान को सराहना चाहता है और यह चुनौतीपूर्ण यात्रा होगी लेकिन हमें संयम बरतना होगा और अपने कार्य की ओर बढ़ते रहना होगा।