नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने गुरुवार को कहा कि महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए वे खेल में अपने करियर का ‘बलिदान’ देने को तैयार हैं। इन पहलवानों ने 10 से 18 जून तक किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाली अंडर-17 और अंडर-23 एशियाई चैंपियनशिप के लिए चयन ट्रायल आयोजित करने के भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) पैनल के फैसले का भी स्वागत किया। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और अपने समर्थकों के साथ राजघाट पहुंचने के बाद बजरंग पूनिया ने कहा कि वे बृजभूषण की गिरफ्तारी से पहले प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। बजरंग ने कहा, ‘‘ न्याय के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। पूरे देश से हमें भरपूर समर्थन मिल रहा है। सरकार का नारा है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि ये देश की बेटियां है।’’ यह पूछे जाने पर कि पिछले 26 दिनों से जंतर-मंतर पर चल रहे प्रदर्शन से क्या इस साल होने वाले एशियाई खेलों की तैयारियों में बाधा आ रही है, बजरंग ने कहा कि अब उनकी प्राथमिकता पीड़ितों को न्याय दिलाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर हमें बेटियों के लिए न्याय मिलता है तो यह हमारा सबसे बड़ा पदक होगा। हम कुर्बानी देने को तैयार हैं। यह लड़ाई डब्ल्यूएफआई में अच्छे लोगों के लिए है न कि बृजभूषण या उनके अनुयायियों जैसे लोगों के लिए जो महिला पहलवानों से छेड़छाड़ करते रहेंगे।’’ अंडर-17 और अंडर-23 एशियाई चैंपियनशिप के लिए चयन ट्रायल क्रमश: सोनीपत और पटियाला में 17 से 20 मई तक होंगे। बजरंग ने इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम ट्रायल के जरिए खेल को फिर से शुरू करने के कदम का स्वागत करते हैं। हमने पहले कहा था कि खेल का संचालन बृजभूषण की जगह समिति द्वारा किया जाना चाहिये। हमने समिति का कभी विरोध नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम दूसरे पहलवानों को यहां नहीं बुला रहे हैं, हम नहीं चाहते कि उनका अभ्यास प्रभावित हो।’’ बजरंग ने कहा कि जैसा कि पहले चर्चा की गई थी, अगर 21 मई तक बृजभूषण की गिरफ्तारी पर फैसला नहीं होता है तो उसी दिन ‘बड़ी पंचायत (ग्राम परिषद)’ का आयोजन होगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रदर्शन के भविष्य का खाका पंचायत में बुजुर्गों द्वारा तय किया जायेगा। इस पहलवान ने कहा, ‘‘अगर शुक्रवार तक कुछ नहीं होता है तो खाप पंचायत में हमारे बुजुर्ग जो भी फैसला करेंगे हम उसका पालन करेंगे। हमारे विरोध का अगला कदम 21 मई को तय होगा।’’
प्रदर्शनकारी पहलवान पिछले तीन दिनों में जंतर-मंतर से कनॉट प्लेस के पास हनुमान मंदिर, बंगला साहिब गुरुद्वारा और राजघाट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर गये है। बजरंग ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम अपनी दुर्दशा के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर रोज शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर जाने की योजना बना रहे हैं।