दहिया और दीपक सेमीफाइनल में, पदक दौर के करीब पहुंचे

asiakhabar.com | August 4, 2021 | 5:40 pm IST

एजेंसी

चीबा (जापान)। भारतीय पहलवान रवि दाहिया और दीपक पूनिया ने अपने ओलंपिक
अभियान की मजबूत शुरुआत करते हुए बुधवार को यहां ओलंपिक की कुश्ती स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश कर
लिया।
दहिया का दबदबा इतना था कि उन्होंने 57 किलोवर्ग में दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते।
सेमीफाइनल में उनका सामना कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव से होगा।
दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13.2 से हराने के बाद बुल्गारिया के
जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14.4 से हराया।
वहीं पूनिया ने पुरूषों के 86 किग्रा वर्ग में आसान ड्रॉ का पूरा फायदा उठाते हुए पहले दौर में नाइजीरिया के
एकेरेकेमे एगियोमोर को मात दी जो अफ्रीकी चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता हैं। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने
चीन के जुशेन लिन को 6.3 से हराया।
वहीं 19 वर्ष की अंशु मलिक महिलाओं के 57 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में यूरोपीय चैम्पियन बेलारूस की इरिना
कुराचिकिना से 2.8 से हार गई।
अल्जीरिया के अब्देलहक खेरबाचे को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराने वाले वेंगलोव के खिलाफ दहिया ने अपना
शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुरू से ही दबाव बनाये रखा।
चौथे वरीय इस भारतीय पहलवान ने उरबानो के खिलाफ मुकाबले में लगातार विरोधी खिलाड़ी उसके दायें पैर पर
हमला किया और पहले पीरियड में ‘टेक-डाउन’ से अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा।
गत एशियाई चैंपियन दाहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सेकेंड
का समय और बचा था। भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में पांच टेक-डाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी
मजबूती दिखाई।
वहीं 86 किग्रा वर्ग में नाइजीरियाई पहलवान के पास ताकत थी लेकिन पूनिया के पास तकनीक थी और वह भारी
पड़ी। लिन के खिलाफ हालांकि उन्हें परेशानी पेश आई। उन्होंने 3.1 की बढत बनाई लेकिन लिन ने 3.3 से वापसी
की। रैफरी ने थ्रो के लिये दीपक को दो अंक दिये लेकिन चीनी पहलवान ने इसे चुनौती दी और सफल रहे।
दस सेकंड बाकी रहते पूनिया ने लिन के नीचे से घुसकर उसके पैर पकड़ लिये और हवा में उछालकर दो अंक के
साथ मुकाबला जीत लिया। अब उनका सामना अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से होगा।
वहीं एशियाई चैम्पियन अंशु ने शानदार वापसी करते हुए 0.4 से पिछड़ने के बावजूद बेलारूस की प्रतिद्वंद्वी के
खिलाफ दो पुश आउट अंक लिये। उसने कुराचिकिना का दाहिना पैर पकड़ लिया लेकिन मूव पूरा नहीं कर सकी।

जवाबी हमले पर उसने दो अंक गंवाये लेकिन लड़ती रही। यूरोपीय पहलवान का अनुभव आखिरकर उसके जोश पर
भारी पड़ा।
अंशु की वापसी अब इस बात पर निर्भर करेगी कि कुराचिकिना कहां तक पहुंचती है। अगर वह फाइनल में पहुंचती
है तो अंशु को रेपाशाज खेलने का मौका मिलेगा।


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