नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के महासचिव से सभी आधिकारिक दस्तावेज उसकी तदर्थ समिति को सौंपने के लिए कहा है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि महासंघ के संचालन में निवर्तमान पदाधिकारियों की कोई भूमिका नहीं है। डब्ल्यूएफआई ने कहा कि उसे आईओए के आदेशों का पालन करने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पहले ही अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। आईओए के एक अधिकारी ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि इस कदम को महासंघ के विघटन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘चुनाव होने के बाद प्रशासनिक शक्तियां डब्ल्यूएफआई के पास चली जाएंगी। नवनिर्वाचित अधिकारी इस महासंघ का संचालन करेंगे।’’ आईओए ने डब्ल्यूएफआई के दैनिक कार्यों के संचालन तथा इस राष्ट्रीय महासंघ के चुनाव को संपन्न करवाने के लिए तदर्थ समिति नियुक्त की है। यह तदर्थ समिति खेल मंत्रालय के आदेश पर नियुक्त की गई है। देश के चोटी के पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और वे उनकी गिरफ्तारी को लेकर जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
आईओए ने शुक्रवार को एक पत्र जारी करके कहा कि डब्ल्यूएफआई की सभी प्रशासनिक, वित्तीय और नियामकीय भूमिकाएं अब तदर्थ समिति निभाएगी। पत्र में कहा गया है,‘‘उपरोक्त (आईओए के 12 मई, 2023 के आदेश) के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि कुश्ती के संचालन के लिए आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कामकाज और जिम्मेदारियों को निभाएगी।’’ इसमें कहा गया है,‘‘ अब जबकि तदर्थ समिति अस्तित्व में है तब डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की इस महासंघ से जुड़े किसी भी तरह के कामकाज में कोई भूमिका नहीं होगी।’’
इसमें कहा गया है कि निवर्तमान पदाधिकारियों को तुरंत ही महासंघ से जुड़े सारे दस्तावेज तदर्थ समिति को सौंप देने चाहिए। डब्ल्यूएफआई के महासचिव वीएन प्रसूद ने कहा कि उन्हें आईओए पैनल के साथ संबंधित दस्तावेजों को साझा करने में कोई आपत्ति नहीं है। प्रसूद ने कहा,‘‘ यह आम प्रक्रिया है। जब निगरानी समिति गठित की गई थी तब भी हमने उन्हें सभी आवश्यक फाइलें सौंप दी थी। अब तदर्थ समिति है और डब्ल्यूएफआई के संचालन के लिए उन्हें जो भी दस्तावेज चाहिए हम उन्हें मुहैया कराएंगे।’ ’ उन्होंने कहा,‘‘ यह कोई मुद्दा नहीं है। हमारा कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है तथा आईओए और सरकार इसका कामकाज देख रहे हैं। इन दस्तावेजों को मांगना सामान्य प्रक्रिया है।