झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023: भारत और जापान की लगातार दूसरी जीत, चीन ने भी खोला अपना खाता

asiakhabar.com | October 29, 2023 | 5:03 pm IST

रांची। भारतीय महिला हॉकी टीम ने यहां मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए शनिवार को झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023 में अपनी लगातार दूसरी जीत दर्ज कर ली।
मेजबान भारत ने पहले मैच में थाईलैंड को 7-1 से रौंदने के बाद अपने दूसरे मैच में मलेशिया को भी 5-0 से शिकस्त दे दी। भारतीय महिला हॉकी टीम ने मुकाबले में शानदार शुरुआत की और वंदना कटारिया द्वारा सातवें और फिर 21वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किए गए दो गोल की मदद से 2-0 की बढ़त बना ली। भारतीय टीम ने फिर 28वें मिनट में संगीता कुमारी के मैदानी गोल के दम पर अपनी बढ़त को 3-0 तक पहुंचा दिया।
मेजबान टीम ने फिर 28वें मिनट में ही लालरेमसियामी के मैदानी गोल की बदौलत एक और गोल के दम पर अपनी बढ़त को 4-0 तक पहु्ंचा दिया। भारत ने इसके 10 मिनट बाद ही ज्योति द्वारा किए गए मैदानी गोल के सहारे 5-0 का स्कोर कर लिया। अंतिम क्वार्टर में हालांकि कोई गोल नहीं हो सका लेकिन बावजूद इसके भारत ने बड़े अंतर से यह मैच जीतकर पूरे अंक हासिल किए।
इससे पहले, दिन के पहले मैच में जापान ने कोरिया को 4-0 से हरा दिया। जापान की यह लगातार दूसरी जीत है। टीम के लिए कोबायाशी एमी ने सातवें, कप्तान नगाई यूरी ने 15वें, हासेगावा मियू ने 19वें और तोरियामा मेइ ने 49वें मिनट में गोल दागे।
दूसरे मैच में चीन ने थाईलैंड को 6-0 से करारी मात देकर अपनी पहली जीत दर्ज कर ली। थाईलैंड की यह लगातार दूसरी हार है। पहले मैच में उसे मेजबान भारत ने 7-1 से रौंदा था।
चीन के लिए जोंग जियाकी ने हैट्रिक लगा दी। जियागी ने 10वें, 42वें और 41वें मिनट गोल करके अपनी हैट्रिक पूरी की। उनके अलावा निंग ने 30वें, कप्तान ओयू जिया ने 50वें और डेन वेन ने 57वें मिनट में गोल किए। इस टूर्नामेंट में कुछ छह टीमें भाग ले रही हैं। इनमें मेजबान भारत के अलावा चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड की टीमें शामिल हैं। प्रतियोगिता के मुकाबले राउंड रॉबिन लीग चरण के आधार पर खेले जा रहे हैं। सभी छह टीमें एक-दूसरे से खेलेंगी और टॉप-4 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेगी। भारतीय टीम 2016 के बाद से पहली बार खिताब की तलाश में लगी हुई है। भारत को 2013 और 2018 के फाइनल में हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।


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