लंदन, 12 जून। गेंदबाजों के बाद शिखर धवन (78) और कप्तान विराट कोहली (नाबाद 76) के बल्ले की धमक से भारत ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका को आठ विकट से मात देते हुए आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। भारतीय गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका को 191 रनों पर ढेर कर दिया। इस लक्ष्य को भारत ने 38 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। आठ ओवरों में महज 28 रन देकर दो विकेट लेने वाले जसप्रीत बुमराह को मैन ऑफ द मैच चुना गया। इस मैच पर दक्षिण अफ्रीका और भारत का सेमीफाइनल का भविष्य निर्भर था, जिसमें भारत ने बाजी मारी। सेमीफाइनल में भारत का सामना बांग्लादेश से होगा। मामूली से लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत का पहला विकेट 23 के कुल स्कोर पर रोहित शर्मा (12) के रूप में गिरा। उन्हें मोर्ने मोर्कल ने विकेट के पीछे क्विंटन डी कॉक के हाथों कैच कराया। यहां से धवन और कोहली ने टीम की बागडोर संभाली और दूसरे विकेट के लिए 128 रनों की साझेदारी कर टीम की जीत तय कर दी। 83 गेंदों का सामना करने के बाद 12 चौके और एक छक्का लगाने वाले धवन चैम्पियंस ट्रॉफी के इस संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं। इसी के साथ वह आईसीसी टूर्नामेंट्स में एक हजार रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में भी शमिल हो गए हैं। शतक की ओर बढ़ रहे धवन इमरान ताहिर की गेंद पर फाफ डु प्लेसिस के हाथों लपके गए। धवन जब आउट हुए तब टीम का स्कोर 151 रन था। भारत को यहां से महज 41 रनों की दरकार थी। इन जरूरी रनों ने कोहीली ने युवराज सिंह (नाबाद 23) के साथ मिलकर हासिल कर लिया और टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया। युवराज ने छक्का मार कर टीम को जीत दिलाई। इससे पहले, अपने अहम मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका का मध्य क्रम और निचला क्रम ऊपरी क्रम की सफलता को दोहरा नहीं सका और अच्छी शुरुआथ के बाद भी 44.3 ओवरों में 191 रनों पर ही ढेर हो गई। भारतीय कप्तान कोहली ने टॉस जीतकर दक्षिण अफ्रीका को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। डी कॉक (53), हाशिम अमला (35) ने टीम को जो शुरुआत दी उससे लगा की अफ्रीका बड़ा स्कोर बोर्ड पर टांगेगा। दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 17.3 ओवरों में 76 रन बनाए। शुरुआत धीमी थी लेकिन टीम के लिए अच्छी थी। इस टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे रविचंद्रन अश्विन ने अमला को विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धौनी के हाथों कैच करा भारत को पहली सफलता दिलाई। अश्विन लगातार अमला को परेशान कर रहे थे। फाफ डु प्लेसिस ने हालांकि अमला की कमी नहीं खलने दी और डी कॉक के साथ मिलकर टीम का स्कोर 116 रनों तक पहुंचाया। रवींद्र जडेजा ने डी कॉक की 72 गेंदों की पारी का अंत किया। चार चौके मारने वाले डी कॉक बोल्ड हो कर पवेलियन लौटे। कप्तान अब्राहम डिविलियर्स (16) गैरजरूरी रन लेने के लिए दौड़े और हार्दिक पांड्या की थ्रो पर धौनी ने उनके डंडे बिखेरे। डिविलियर्स के रन आउट होने के बाद एक समय मजबूत स्थिति में दिख रही दक्षिण अफ्रीका बैकफुट पर पहुंच गई थी। जिम्मेदारी प्लेसिस और डेविड मिलर (1) पर थी लेकिन, रन लेने की गलतफहमी में दोनों बल्लेबाज एक ही छोर पर आ गए और बुमराह-कोहली की जोड़ी ने विकेट उखाड़ दिए। क्रिज से बाहर खड़े मिलर पवेलियन लौट लिए। मिलर 142 रनों के कुल योग पर चौथे विकेट के रूप में पवेलियन लौटे। यहां से दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने खाते में 46 रन ही जोड़ सकी और बाकी के छह विकेट खोकर मामूली स्कोर पर ढेर हो गई। प्लेसिस के रूप में दक्षिण अफ्रीका का पांचवां विकेट गिरा। उन्हें पांड्या ने आउट किया। ज्यां पॉल ड्यूमिनी 20 रनों पर नाबाद लौटे। भारत की तरफ से बुमराह के अलावा भुवनेश्वर कुमार दो विकेट लिए। अश्विन, जडेजा, पांड्या को एक-एक सफलता मिली। तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।