नई दिल्ली। भारत में आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने खुलासा किया है कि केंद्र और राज्य सरकार की 200 से अधिक वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों के नाम और पते जैसी जानकारियां लीक की हैं।
यूआईडीएआई ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि उसने इस उल्लंघन पर संज्ञान लिया है और इन वेबसाइटों से जानकारियां हटवा दी हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह उल्लंघन कब हुआ। यूआईडीएआई 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या जारी करता है जो देश में कहीं भी पहचान और घर के पते का सबूत होती है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने विभिन्न सामाजिक सेवा योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। यूआईडीएआई ने कहा कि उसकी ओर से आधार के ब्योरे को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया।
यूआईडीएआई ने कहा, ‘यह पाया गया है कि शैक्षिक संस्थानों समेत केंद्र सरकार, राज्य सरकार के विभागों की तकरीबन 210 वेबसाइटों पर लाभार्थियों के नाम, पते, अन्य जानकारियां और आधार संख्याओं को आम जनता की सूचना के लिए सार्वजनिक कर दिया गया।’
उसने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में कहा कि यूआईडीएआई ने इस पर ध्यान दिया है और इन वेबसाइटों से आधार का ब्योरा हटा दिया है। आरटीआई के जवाब में कहा गया है, ‘यूआईडीएआई का बहुत व्यवस्थित तंत्र है और वह उच्च-स्तरीय डाटा सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगातार अपने तंत्र को उन्नत बना रहा है।’
इसमें कहा गया है कि आधार पारिस्थितिकी तंत्र को इस तरह से बनाया गया कि इसकी डाटा सुरक्षा और निजता सुनिश्चित की जा सके जो इस तंत्र का अहम हिस्सा है। यूआईडीएआई ने कहा कि विभिन्न नीतियों और प्रक्रियाओं की समीक्षा की गई है, इन्हें समय समय पर अपडेट किया गया है और यूआईडीएआई परिसरों के भीतर और बाहर, खास तौर पर डाटा केंद्रों में डाटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
उसने कहा कि डाटा की सुरक्षा और निजता मजबूत करने के लिए नियमित आधार पर सुरक्षा जांच की जाती है। इसके अलावा डाटा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं।