नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल का मुद्दा उठा। सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने सदन में कहा कि दिल्ली सरकार के पास कई शक्ति नहीं है और मुख्यमंत्री के साथ उपराज्यपाल चपरासी की तरह व्यवहार करते हैं। किसी सीएम के लिए यह अपमानजनक है।
खबरों के अनुसार सदन में यह मामला उठने के बाद केजरीवाल को कई दलों का समर्थन प्राप्त हुआ है। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को चार पार्टियों ने दिल्ली में इन दोनों के बीच चल रही खींचतान को खत्म करने की मांग की। वहीं इसी कड़ी मेंसमाजवादी पार्टी ने कहा कि कि केंद्र सरकार के एलजी चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल के साथ चपरासी की तरह व्यवहार करते हैं।
राज्यसभा में यूं शुरू हुआ मामला
नोएडा से कालिंदी कुंज मार्ग पर दिल्ली मेट्रो रेल सेवा के उद्घाटन समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आमंत्रित नहीं करने और दिल्ली सरकार को अधिकार देने का मुद्दा राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों ने उठाया।
राज्यसभा में दिल्ली विशेष उपबंध संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान सपा के नेता रामगोपाल यादव ने दिल्ली मेट्रो की एक महत्वपूर्ण सेवा के उद्घाटन में दिल्ली के मुख्यमंत्री को नही बुलाने को गलत परंपरा की शुरुआत कहा। उनका कहना था कि हर व्यक्ति कह रहा है कि यह गलत था।
उन्होंने अटल बिहारी बाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने किसी कार्यक्रम में इस वजह से जाने से इन्कार कर दिया था, क्योंकि उसमें संबंधित राज्य के सीएम को नहीं बुलाया गया था।वहीं, इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने इसे ओछी राजनीति बताया है।