मुंबई। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी ने न सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ का चूना लगाया है, बल्कि उनके इस खेल की वजह से उन लोगों का भी धंधा चौपट हो गया, जिन्होंने मेहुल चौकसी की गीतांजलि जेम्स की फ्रेंचाइजी ली थी।
अकेले नागपुर में मेहुल चौकसी की मालिकाना हक वाले गीतांजलि जेम्स की तीन फ्रेंचाइजी मजबूरी में बंद हो गई है। शिऱीष जायसवाल, जो नागपुर में गीतांजलि जेम्स की फ्रेंचाइजी खोलकर बैठे थे। अब वो बड़े कर्ज में डूब गए हैं। शिरीष के मुताबिक,” गीतांजलि जेम्स ने उन्हें बाजार भाव से ज्यादा कीमत में हीरे बेचे थे। ऐसे में महाघोटाले के खुलासे के बाद वो मेहुल चौकसी से अपना बकाया नहीं वसूल पा रहे हैं। वहीं ये शोरूम खोलने के लिए अपना घर और संपत्ति गिरवी रखने के बाद बैंक से जो लोन मिला था, अब उसकी ईएमआई को लेकर बैंक रोज तकादा कर रहा है। हर महीने बैंक को तीन लाख की ईएमआई चुकानी है। ऐसे मे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें।”
जमा पूंजी लगाकर शुरू की थी फ्रेंचाइजी-
शिरीष जायसवाल का कहना है कि, “परिवार ने अपनी सारी जमा-पूंजी और संपत्ति गिरवी रखकर इस शोरूम को खोलने के लिए लोन लिया था। शुरू में सबकुछ अच्छा चला, मगर 2014 में कंपनी के शेयरों की कीमत गिरने लगी। एक दिन अचानक हमें ये बताया गया कि कंपनी अब अपना फ्रेंचाइजी बिजनेस बंद करना चाह रही है। इस बात पर हम राजी हो गए और मेहुल चौकसी से बकाया राशि चुकाने की मांग की। वहीं हीरे के जो स्टॉक पड़ा था, उसे बेचने में काफी मुश्किलें आने लगी, क्योंकि हम जिस भाव में बाजार में हीरे बेचना चाह रहे थे, वो मिल नहीं रहे थे।”
हमें बड़े हीरा कारोबियों ने बताया कि आप जो कीमत मांग रहे हैं, उससे तीन गुना कम कीमत में बाजार में हीरे मिल रहे हैं।
शिरीष के मुताबिक, “मैंने कई बार गीतांजलि जेम्स के प्रतिनिधियों और खुद मेहुल चौकसी से भी मुलाकात करके बकाया राशि देने की मांग की, मगर उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इस बीच कंपनी ने अचानक दोबारा फोन करके फ्रेंचाइजी नेटवर्क चालू रखने की बात कही और उसके लिए चालीस लाख रुपए मांगे, जो मैंने दे दिए, क्योंकि हम ये बिजनेस बंद नहीं करना चाहते थे।”
2017 में मेहुल के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत-
तमाम कोशिशों के बाद चौकसी ने उन्हें बकाया राशि नहीं लौटाई, तो शिरीष ने 2017 के जनवरी महीने में एमआईडीसी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने चौकसी पर बकाया राशि नहीं चुकाने के साथ ही खराब क्वालिटी के हीरे बेचने का आरोप लगाया।
CM फडणवीस के हस्तक्षेप के बाद FIR दर्ज हुई-
जब कई महीनों की शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो अप्रैल 2017 में शिरीष ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। उस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में मेहुल चौकसी और उसकी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद मेहुल चौकसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एफआईआर निरस्त कराने की अर्जी दी, जो फिलहाल लंबित है।
EMI चुकाने के लिए किराया पर था शोरूम-
मजबूरी में शिरीष ने मोबाइल एसेसरीज डीलर को अपना शोरूम 70 हजार रुपए महीने के किराए पर दिया है। मगर बैंक की ईएमआई साढ़े तीन लाख रुपए की है। ऐसे में शिरीष का छोटा भाई, जोकि एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है, वो परिवार की मदद कर रहा है।