नई दिल्ली। चीन द्वारा भारत को वन बेल्ट वन रोड का हिस्सा बनने की निमंत्रण दिए जाने के बाद भारत ने इसे खारिज कर दिया है। विदेश सचिव एस जयशंकर ने एक बयान में कहा है कि दक्षिण एशिया को जोड़ने वाला कोई भी प्रोजेक्ट अच्छा होगा लेकिन शर्त यह है कि वो सिद्धांतो के अनुरूप हो। उन्होंने इससे जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि चीन से इस मामले में तुलना हमारे साथ न्याय नहीं होगा। हम इस मामले में कई तरह से अगुआ रहे हैं।
बता दें कि पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि भारत को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना “बेल्ट एंड बार्डर इनिशियेटिव” पर अपनी जिद छोड़ कर इसमें शामिल होना चाहिए। चूंकि इससे कश्मीर मुद्दे पर चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा। बीआरआई में चीन-पाक इकोनामिक कारीडोर भी शामिल है।
पाक के आतंक से लड़ने के प्रयासों पर गौर करे वैश्विक समुदाय : चीन
चीन ने आतंकवाद के आका के तौर पर घिर चुके पड़ोसी देश पाकिस्तान की जमकर पैरवी की है। चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि वह पाकिस्तान के आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों पर गौर करे।
अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के पाकिस्तान के सुरक्षित पनाहगाहों को और बर्दाश्त न करने के बयान पर गुरुवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि बहुत सालों से पाकिस्तान सकारात्मक प्रयास कर रहा है। साथ ही आतंकवाद को रोकने के मोर्चे पर कई बलिदान भी दिए हैं।
उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने विश्व शांति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम भूमिका निभाई है। हम मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के इन प्रयासों को मान्यता देनी चाहिए। गेंग ने कहा कि चीन आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपना समर्थन देता है।