श्रीनगर। सुंजवां हमले के मास्टरमाइंड आतंकी मुफ्ती वकास उर्फ अरसलान की मुठभेड़ में मौत से हताश जैश-ए-मोहम्मद जल्द ही बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश में जुट गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी आतंकी संगठन के मंसूबों का भांपते हुए राज्य में विशेषकर पूरे कश्मीर में अलर्ट जारी किया है।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2017 को पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ शिविर पर और उसके बाद 10 फरवरी 2018 को सुंजवां जम्मू में सैन्य ब्रिगेड पर आत्मघाती हमलों के मास्टर माइंड मुफ्ती वकास को पांच मार्च को पुलिस व सेना ने अवंतीपोरा में मार गिराया था।
सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद की कमान बेशक हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकी ने कश्मीर में संभाल रखी है, मगर आत्मघाती हमलों की अंतिम रूप रेखा तय करने से लेकर उनमें शामिल होने वाले आतंकियों को तैयार करने का जिम्मा मुफ्ती वकास ही संभाल रहा था। उसने 31 दिसंबर को लेथपोरा सीआरपीएफ कैंप पर आत्मघाती हमले में शामिल स्थानीय आतंकी फरदीन अहमद खांडे को आत्मघाती बनाया था। फरदीन को जैश में नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ नूरा त्राल ने भर्ती किया था। नूरा त्राल 26 दिसंबर को मारा था।
सूत्रों की मानें तो मुफ्ती वकास की मौत के बाद से न सिर्फ कश्मीर में सक्रिय जैश का देशी-विदेशी कैडर का मनोबल गिरा है बल्कि सरहद पार बैठे जैश के सरगना भी परेशान हो चुके हैं। उन्होंने राज्य में मौजूद अपने पाकिस्तानी और कश्मीरी कैडर पर लेथपोरा और पुलवामा जिला पुलिस लाइन पर किए हमलों जैसी किसी बड़ी वारदात दोहराने के लिए लगातार दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो सरहद पार बैठे जैश सरगना जम्मू कश्मीर में सक्रिय अपने कैडर को न सिर्फ घाटी के भीतर बल्कि जम्मू संभाग में बड़ा हमला अंजाम देने के लिए उकसा रहे हैं।
जैश के निशाने पर उत्तरी कश्मीर में कुछ सैन्य शिविरों के अलावा श्रीनगर में कुछ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं। सभी महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर उसे नए सिरे से चाक चौबंद बनाया है। वादी में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों को चिह्नित कर उन्हें जिंदा अथवा मुर्दा पकड़ने के लिए सुनियोजित तरीके से अभियान भी चलाए जा रहे हैं।