जमशेदपुर। आयकर आयुक्त डॉ. श्वेताभ सुमन शुक्रवार को गुवाहाटी के एक व्यापारी से 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार कर लिए गए। सीबीआई की टीम ने डॉ. सुमन को तब गिरफ्तार किया, जब वह जोरहाट (असम) के व्यवसायी सुरेश अग्रवाला से करवंचना में मदद के लिए रकम ले रहे थे। सुमन गुवाहाटी में आयकर आयुक्त (ऑडिट) के पद पर पदस्थापित थे।
इस मामले में सीबीआई ने उनके अलावा गुवाहाटी में पदस्थापित इनकम टैक्स ऑफिसर (ऑडिट) प्रताप दास, एडवोकेट व चार्टर्ड एकाउंटेंट रमेश गोयनका व अमित गोयनका के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। मामला सुरेश अग्रवाला की फर्म विन पावर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही सीबीआई ने गुवाहाटी, जोरहाट, नयगांव, शिलांग, नोएडा, दिल्ली समेत फर्म से संबंधित अन्य ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।
अब तक 40 लाख रुपये तथा महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले सुमन 2005 में भी सीबीआइ के हत्थे चढ़ चुके हैं। उस समय उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था। झारखंड निवासी श्वेताभ लंबे समय तक जमशेदपुर, रांची व धनबाद में आयकर विभाग में कार्यरत रहे हैं।
आयकर आयुक्त डॉ. श्वेताभ सुमन का 18 नवंबर, 2005 को अपहरण भी हुआ था। वह उस समय जमशेदपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त के पद पर थे। अपहरण से पहले मई, 2005 में सीबीआइ ने उनके यहां छापेमारी भी की थी, तो गिरफ्तार करके जेल भी भेजा था। उस वक्त सीबीआइ की यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में थी, जिसमें बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।