2030 तक दोगुनी हो जाएगी पेट्रोल-डीजल की मांग

asiakhabar.com | February 10, 2018 | 4:31 pm IST
View Details

मुंबई। एक तरफ सरकार का इरादा वर्ष 2030 तक केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पक्की करना है और दूसरी तरफ उस साल तक देश में पेट्रोल और डीजल की खपत मौजूदा स्तर से दोगुनी हो जाने की संभावना है। तेल व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम किफायती स्तर पर आने में बहुत समय लगेगा।

फिलहाल इनके दाम कीमतों के प्रति संवेदनशील आम भारतीयों के लिए ज्यादा हैं। ऐसे में कम से कम अगले एक दशक तक देश में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की मांग बनी रहेगी। कारों और स्कूटरों की जोरदार बिक्री होती रहेगी।

वुड मैकेंजी के एशिया रिफाइनिंग रिसर्च प्रमुख सुरेश शिवानंदम ने कहा, “सरकार 2030 तक 100 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य लेकर चल रही है। बावजूद इसके हमारा अनुमान है कि 2030 तक वहां पेट्रोलियम की मांग बढ़ती रहेगी। उसके बाद ही मांग घटना शुरू होगी।” पेट्रोलियम योजना व विश्लेषण प्रकोष्ठ का अनुमान है कि पेट्रोल और डीजल की खपत के मामले में सबसे तेज ग्रोथ वाले देश भारत में 2030 तक इन ईंधनों की मांग दोगुनी हो जाएगी।

वुड मैकेंजी का भी यही मानना है। तब केवल डीजल की मांग ही करीब एक तिहाई बढ़कर 11.3 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच जाएगी। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मंत्री इलेक्ट्रिक वाहनों के लक्ष्य की बात कर रहे हैं, लेकिन गौर करने वाली बात है कि यह लक्ष्य हासिल करने के लिए अब तक कोई आधिकारिक नीति नहीं तैयार की गई है।

शिवानंदम ने कहा, “सरकार ने अब तक इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर कोई नीति पत्र जारी नहीं किया है। इससे पता चलता है कि सरकार इस लक्ष्य को लेकर कितना गंभीर है।”

बिक्री में सालाना करीब 7 फीसदी इजाफा

भारत में लोगों की आय निरंतर बढ़ रही है। इसकी बदौलत लोग डीजल और पेट्रोल से चलने वाली कारें और स्कूटर खरीदने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान भारत में 1.75 करोड़ से ज्यादा स्कूटर और मोटसाइकिलों की बिक्री हुई थी। पिछले 4 साल की अवधि में 3 साल ऐसे रहे, जब इनकी बिक्री में सालाना करीब 7 फीसदी इजाफा हुआ। इसके अलावा पिछले 2 वर्षों के दौरान कारों की बिक्री सालाना 7 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का भी आकलन है कि वर्ष 2030 तक भारत तेल की वैश्विक मांग का केंद्र रहेगा। इस एजेंसी का मानना है कि भारत की इलेक्ट्रिक वाहन योजना महत्वाकांक्षी है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *