मुंबई। शिवसेना (शिंदे समूह) के 16 विधायकों की अपात्रता के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) समूह आमने-सामने आ गया है। नार्वेकर ने लंदन से मीडिया को बताया है कि वे इस मुद्दे पर जल्द कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं, जबकि शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राऊत ने कहा है कि नार्वेकर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इस मुद्दे पर समयबद्ध तरीके से निर्णय लेना चाहिए।
दरअसल, शिवसेना (शिंदे समूह) के 16 विधायकों ने सबसे पहले शिवसेना से बगावत की थी और सूरत के बाद गुवाहाटी गए थे। बाद में शिवसेना के 23 और विधायक भी गुवाहाटी पहुंचकर शिंदे समूह को अपना समर्थन दिया था। उसी समय विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल के सामने तत्कालीन शिवसेना व्हिप सुनील प्रभू ने 16 विधायकों को अपात्र घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद शिंदे समूह ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 16 विधायकों की अपात्रता पर विधानसभा अध्यक्ष को समयबद्ध तरीके से निर्णय लेने का आदेश दिया है। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर इस समय लंदन प्रवास पर हैं। उन्होंने लंदन से मीडिया को बताया है कि वे इस मामले पर निर्णय समयबद्ध तरीके से नहीं कर सकते हैं। उन्हें इस मुद्दे पर निर्णय देने से पहले हर पहलू की छानबीन करना जरुरी है।
इसके बाद रविवार को शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राऊत ने कहा कि राहुल नार्वेकर को दलबदल करने, करवाने और दलबदल को बढ़ावा देने का काम है। राहुल नार्वेकर का दलबदल का एक लंबा इतिहास रहा है। दलबदल उनका शौक है। दलबदल को भडक़ाना राहुल नार्वेकर का धंधा है। इसलिए हमें उनसे न्याय की उम्मीद नहीं है। राऊत ने कहा कि हम आपसे केवल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कह रहे हैं। राऊत ने कहा कि हम आपसे कानून का पालन करने के लिए कह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन की मांग किसी भी तरह धमकी नहीं है।