नई दिल्ली/भुवनेश्वर। ओडिशा के सिर से जुड़े ढाई साल के दो बच्चों को दिल्ली के एम्स में 11 घंटे मैराथन सर्जरी के बाद अलग करने में कामयाबी मिल गई। सर्जरी सुबह 9 बजे शुरू हुई थी। उन्हें 72 घंटे आईसीयू में रखा जाएगा। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री प्रताप जेना ने भुवनेश्वर में बताया कि दोनों बच्चों की हालत स्थिर है।
सर्जरी के बाद प्लास्टिक सर्जन्स अपने काम में जुट गए हैं। सर्जरी सुबह 9 बजे शुरू हुई और करीब 11 घंटे चली। 30 डॉक्टरों ने भाग लियासर्जरी में एम्स के विभिन्न विभागों-न्यूरो सर्जरी, न्यूरो एनेस्थेशिया व पीडियाट्रिक्स विभागों के 30 डॉक्टरों के दल ने भाग लिया। जगा व कालिया नाम के दोनों बच्चों की सर्जरी का दूसरा चरण जारी था।
दोनों की प्लास्टिक सर्जरी का यह चरण गुरुवार सुबह 10 बजे तक चलने का संभाावना है। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर बच्चों को इलाज कर रहे हैं। पूरी सर्जरी में 22 घंटे से ज्यादा का वक्त लगेगा। 14 जुलाई को एम्स लाएदोनों जुड़वां बच्चों को ओडिशा के कंधमाल जिले के मिलिपाडा गांव से एम्स लाया गया था।
28 अगस्त को पहली सर्जरी हुई थी, जिसमें जापान के विशेषज्ञ डॉक्टर ने भी भाग लिया था। सर्जरी से पहले उनके कई परीक्षण किए गए। 2 लाख में एक जुड़वां केसजुड़वां बच्चों के जन्म का केस प्रत्येक दो लाख में एक होता है। इनमें भी सिर से जुड़े शिशुओं के केस दुर्लभ या मात्र दो फीसदी होते हैं। इस सर्जरी के लिए ओडिशा सरकार ने 1 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
इन शिशुओं का पहले कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में परीक्षण किया गया था। वहां के न्यूरो साइंसेस सेंटर के प्रमुख एके महापात्रा ने बताया कि इन बच्चों की स्थिति ऐसी है जो 30 लाख में से एक को होती है। ऐसे बच्चों में से 50 फीसदी पैदा होते ही या जन्म के 24 घंटे में मर जाते हैं। सिर्फ 25 फीसदी मामलों में ही सर्जरी संभव होती है। शेष को ऐसी ही हालत में जीना पड़ता है।