नई दिल्ली। सरकार ने देश के सबसे गरीब लोगों को यूनिवर्सल सामाजिक सुरक्षा कवरेज मुहैया कराने के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस व्यापक कार्यक्रम में तीन श्रेणियों की परिकल्पना की गई है। सबसे गरीब 20 फीसद लोग, जिन्हें सरकार भुगतान करेगी।
दूसरे वे लोग जो खुद सब्सक्राइब करेंगे और तीसरा फॉर्मल सेक्टर के कर्मचारी, जो अपनी सैलरी से एक तय राशि इसके लिए निकालेंगे। श्रम मंत्रालय ने यह प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही अगले वित्त वर्ष के लिए एक अनिवार्य योजना के रूप में इसे लागू करने के इरादे से वित्त मंत्रालय के पास योजना को भेजा जाएगा।
माना जा रहा है कि अगले आम चुनाव से पहले इस महत्वपूर्ण कल्याणकारी मंच का निर्माण हो सकता है। इस योजना में दो स्तर होंगे। इनमें से पहले स्तर में अनिवार्य पेंशन, बीमा (मृत्यु और विकलांगता दोनों स्थिति में) और मातृत्व कवरेज शामिल होगा। दूसरे स्तर में वैकल्पिक चिकित्सा, बीमारी और बेरोजगारी कवरेज शामिल होंगे।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत एकत्र किए गए फंड को उप योजनाओं में विभाजित किया जाएगा। इसका मतलब है कि यह लाभ और योगदान अनुरूप होगा।
अधिकारी ने कहा कि ऑप्शनल एलिमेंट अनिवार्य योजना के तहत एकत्र धन पर निर्भर करेगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्थाओं का आनंद मिलेगा और यहां तक कि आत्म-योगदान देने वाले लोगों को इसमें बहुत अधिक आकर्षक लगेगा क्योंकि इसमें शामिल बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
इस योजना को वित्तपोषण करना सरकार के लिए एक चुनौती होगी क्योंकि सरकार ने घाटे के लक्ष्य को पूरा करने का वादा किया है। हालांकि, माना जा रहा है कि इस योजना को व्यापक जन समर्थन मिलेगा। नई नीति सामाजिक सुरक्षा कोड का हिस्सा होगी। श्रम मंत्रालय इस योजना को अंतिम रूप दे रहा है और यह देश में सामाजिक सुरक्षा कवरेज को संचालित करने वाले 17 मौजूदा कानूनों को पूरा करेगा।