हैदराबाद। प्रतिबंधित इंडियन मुजाहिदीन के दो सदस्यों को एक अदालत ने यहां 2007 में हुए दोहरे विस्फोट मामले में दोषी करार दिया है। इस विस्फोट में 44 लोगों की जान चली गई थी। द्वितीय अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश टी श्रीनिवास राव ने दो अन्य फारूक शरफुद्दीन तरकश और मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शेख को इस मामले में बरी कर दिया। इंडियन मुजाहिदीन के जिन दो सदस्यों अनीक शफीक सईद और मोहम्मद अकबर इस्माइल को दोषी ठहराया गया है, उन्हें अगले सोमवार को सजा सुनाई जाएगी।
ऐसी संभावना है कि विस्फोट के बाद आरोपियों को शरण देने के आरोपी तारिक अंजुम को सोमवार को सजा सुनाई जाएगी। तेलंगाना पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने इस मामले की जांच करके पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ चार आरोपपत्र दायर किए थे और फरार चल रहे तीन आरोपियों रियाज भटकल, इकबाल भटकल और आमिर रजा खान के भी नाम इसमें शामिल किये। इन लोगों के खिलाफ 25 अगस्त, 2007 को हुए विस्फोट और उसके बाद दिलसुखनगर क्षेत्र में यहां बिना फटे बम की बरामदगी के संबंध में मामला दर्ज हुआ था।
इस मामले की सुनवाई अक्तूबर 2016 में शुरू हुई जिसे इस साल जून में चेरलापल्ली केंद्रीय कारावास के परिसर में स्थित एक अदालत हॉल में स्थानांतरित कर दिया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार अनीक शफीक सईद ने लुम्बिनी पार्क में बम रखा था और भटकल ने गोकुल चाट पर बम रखा था। गोकुल चाट खाने-पीने के लिए लोकप्रिय स्थान है और यहां हुए विस्फोट में 32 लोगों की मौत हो गई थी और 47 घायल हो गए थे। लुम्बिनी पार्क के ओपन एयर थियेटर में हुए विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 21 लोग घायल हो गए थे।
महाराष्ट्र आतंकवादी रोधी दस्ते ने इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों को इस संबंध में अक्तूबर 2008 में गिरफ्तार किया था। बाद में इन लोगों को गुजरात पुलिस ने हिरासत में लिया। मुकदमे के दौरान 170 चश्मदीदों के साथ पूछताछ हुई और अंतिम सुनवाई अगस्त में पूरी हुई।