शिमला। हिमाचल प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीएम वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को सोलन जिले की अर्की सीट से अपना नामांकन भरा। इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं ने उनका स्वागत किया।
बता दें कि पिछला चुनाव उन्होंने शिमला रूरल से लड़ा था। यह उनका गृह जिला है। उन्होंने दावा किया है कि शिमला रूरल सीट से उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी भी मिल गई है।
दूसरी तरफ, चिंतपूर्णी से भाजपा नेता बलवीर चौधरी ने नामांकन भरा। सोलन में धनीराम शांडिल नामांकन करने पहुंचे हैं। आठवीं पारी के लिए जोगेंद्रनगर से नामांकन के लिए भाजपा नेता गुलाब सिंह ठाकुर पहुंचे हैं। झंडूत्ता से भाजपा प्रत्याशी जीत राम, बड़सर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल, भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा, नादौन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जिला परिषद एवं समाज सेवी लेख राज और निर्दलीय प्रत्याशी रणजीत जीतू, कुल्लू में भाजपा से महेश्वर सिंह, मनाली में आज़ाद धर्मवीर धामी व गजेंद्र नामांकन करेंगे।
वीरभद्र सिंह सोन जिले की अर्की विधानसभा सीट से और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, दोनों दिग्गज नई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
2012 के विधानसभा चुनाव में अर्की और सुजानपुर सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। वीरभद्र ने 1962 में महासू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, उस वक्त ठियोग उस हलके का हिस्सा था।
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं, जहां नौ नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी। इस बार हिमाचल प्रदेश में चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं। कांग्रेस ने जहां भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को ही सीएम प्रत्याशी बनाया है। वहीं, भाजपा ने अभी तक सीएम उम्मीदवार का एलान नहीं किया है।
2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 68 सीटों में से 36 सीटें जीती थी। भाजपा ने 26 सीटें जबकि अन्य के खाते में 6 सीटे गई थी। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी चारों सीटों पर कब्जा कर लिया था।
भाजपा ने 68 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जबकि कांग्रेस ने अब तक सिर्फ 59 सीटों पर ही प्रत्याशियों की सूची जारी की है। कांग्रेस ने मंत्रियों व विधायकों के टिकट बरकरार रखे हैं।