विक्रम सिंह
शिमला। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के
भूस्खलन की चपेट में आने से मलबे में फंसे लोगों की तलाश एवं बचाव के लिए अभियान बृहस्पतिवार सुबह पुन:
शुरू हुआ और इस दौरान तीन और शव मिले हैं। इस आपदा में मरने वालों की संख्या अब 13 हो गई है।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि कुछ वाहनों के साथ ही मलबे में हिमाचल सड़क
परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस भी दब गई थी। ये तीन शव बस में से ही मिले हैं। बस बुरी तरह
क्षतिग्रस्त हालत में मिली है जबकि एक 'बोलरो' वाहन अब भी मलबे में दबा है।
राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह छह बजे बचाव कार्य फिर से
शुरू किया गया। स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत
सीमा पुलिस (आईटीबीपी) संयुक्त रूप से बचाव अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों ने बुधवार रात करीब 10 बजे
तलाश अभियान स्थगित कर दिया था।
निचार तहसील के निगुलसारी क्षेत्र के चौरा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर बुधवार दोपहर को भूस्खलन के
बाद पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस आ गई थी, जो
रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी।
बुधवार को 10 लोगों के शव मिले थे तथा 13 घायलों को बचा लिया गया था, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे
होने की आशंका है।
अधिकारी ने बुधवार को बताया था कि एक टाटा सूमो मिली है, जिसमें आठ लोग मृत पाए गए हैं।