अंबाला. सेंट्रल जेल में बंद हनीप्रीत के परिजनों को बृहस्पतिवार को वीआईपी सुविधा दी गई। हुआ यूं कि हनीप्रीत का परिवार कार लेकर सेंट्रल जेल के मुख्य द्वार से सीधे जेल परिसर में दाखिल हुआ। इस दौरान किसी ने उसको नहीं रोका।
हनीप्रीत के परिजनों को वीआईपी ट्रीटमेंट देने में अधिकारी इतने व्यस्त रहे कि जमानतियों को समय पर रिहा करना ही भूल गए। इस पर बंदियों और कैदियों के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
गुरुवार शाम 4.15 बजे पर एचआर 26 एटी 0024 गाड़ी में हनीप्रीत के भाई साहिल तनेजा, भाभी सोनाली, जीजा संचित बजाज व बहन निशू बजाज सेंट्रल जेल आए। करीब पौने दो घंटे की मुलाकात के बाद परिजन शाम छह बजे वापस रवाना हुए।
इससे पहले गुरुग्राम नंबर की गाड़ी उन्हें जेल के मुख्य प्रवेश द्वार से अंदर परिसर तक छोड़कर बाहर आ गई। करीब छह बजे दोबारा उन्हें लेने के लिए भीतर चली गई। इस अवधि में चहारदीवारी के मेन गेट पर मौजूद जेलकर्मी सहित किसी भी अधिकारी ने न तो गाड़ी रोकी और न ही कोई पूछताछ की। इनके पास चार बैग भी थे।
दिल्ली से पति को लेने आई रेखा ने जताया विरोध : जेल के बाहर दिल्ली की रेखा अपने पति को लेने पहुंची थी। उसके पति की कोर्ट से जमानत हुई है। मगर हनीप्रीत के परिवार की मुलाकात के कारण उसका पति शाम साढ़े छह बजे तक बाहर नहीं आ सका। यही नहीं, उसे जेल के आसपास भी खड़ा नहीं होने दिया गया।
रेखा ने बताया कि जेल में बंद सब बंदी एक जैसे हैं, फिर हनीप्रीत के साथ अलग बर्ताव क्यों किया जा रहा है। ऐसी ही बात अपने परिजन को लेने पहुंची शबनम ने बताई।