चंडीगढ़। साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम जेल में सजा काट रहा है। वहीं उसकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत भी जेल में है।
इस बीच पुलिस पूछताछ में ये पता चला है कि हनीप्रीत के नाम अरबों रुपये की बेनामी संपत्तियां हैं। अलग-अलग राज्यों में जमीन और मकान से जुड़े डेरे के कई दस्तावेज पुलिस के हाथ लगे हैं, जिनकी बारीकी से जांच की जा रही है। ताकि हकीकत पता लगाई जा सके।
इस संबंध में डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना और हनीप्रीत से मिली जानकारियों के आधार जांच की जा रही है।
क्रॉस चेकिंग व लैपटॉप की डिलीट फाइलों को रिकवर करने के बाद ही एसआईटी किसी नतीजे पर पहुंचेगी।
राजस्थान में डेराप्रमुख के पैतृक गांव गुरुसर मोडिया से बरामद दस्तावेजों में पिछले कुछ महीनों पहले हुए करोड़ों के लेनदेन की तमाम जानकारी है।
इसके अलावा भूरे रंग के बैग से दर्जनों जमीन और मकानों की रजिस्ट्रियां भी मिली हैं। इनमें से ज्यादातर संपत्तियां हनीप्रीत के नाम से खरीदी गई हैं, जो दिल्ली, मुंबई, हिमाचल प्रदेश, पंजाब सहित अन्य कई राज्यों में हैं।
लैपटॉप की डिलीट फाइलें रिकवर करने में जुटे एक्सपर्ट-
पुलिस के प्रारंभिक आकलन के मुताबिक 100 से अधिक संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। जिसकी कीमत कई सौ करोड़ रूपये है। इसके अलावा विभिन्न बैंकों के दर्जनों डेबिट कार्ड से हुए लेन-देन का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है।
इनमें कुछ डेबिट कार्ड हनीप्रीत के खातों के हैं। डेराप्रमुख के बाद डेरे में नंबर दो की हैसियत रखने वाली हनीप्रीत के हाथ में ही डेरा का वित्तीय प्रबंधन था और ज्यादातर लेन-देन उसी के जरिये किया जाता था।
मधुबन लैब में खंगाले जा रहे लैपटॉप-
मधुबन स्थित फोरेंसिक प्रयोगशाला में आइटी एक्सपर्ट पिछले महीने डेरा से मिले दो लैपटॉप को खंगालने में जुटे हैं। दोनों लैपटॉप की ज्यादातर फाइलें डिलीट कर दी गई हैं।
डाटा को रिकवर करने की प्रारंभिक प्रक्रिया में जो फाइलें मिली हैं, उनमें ज्यादातर राम रहीम की कंपनियों से संबंधित हैं। अभी तक कुल सात कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। हनीप्रीत ने जिस लैपटॉप में पंचकूला हिंसा से जुड़े हुए गाइड मैप और लोगों की सूची स्टोर की थी, वह अभी तक बरामद नहीं हुआ है।
विपासना से पूछताछ में सामने आ सकते हैं कई राज-
हनीप्रीत को तोड़ने के लिए पुलिस ने अब डेरा सच्चा सौदा चेयरपर्सन विपासना पर फोकस किया है। शुक्रवार को लंबी पूछताछ के बाद सोमवार को एसआईटी ने फिर पंचकूला तलब किया। लेकिन, स्वास्थ्य खराब होने की बात कह कर वह नहीं आई।
इससे पहले दोनों से संयुक्त पूछताछ में जहां हनीप्रीत ने विपासना को सबूत सौंपे जाना का दावा किया, वहीं विपासना इससे मुकर गई, जिसके बाद दोनों में जमकर तकरार हुई।
एसआईटी विपासना से कई सवालों के जवाब जानना चाहती है जो अभी तक पहेली बने हैं। इनमें गायब लैपटॉप और डायरी के अलावा डेरा की बेनामी संपत्तियों से जुड़े सवाल भी होंगे। हालांकि पुलिस की पूछताछ का फोकस अब भी 25 अगस्त को भड़की हिंसा और हनीप्रीत सहित दर्जनभर दूसरे लोगों पर दर्ज देशद्रोह के केसों पर ही है।
जेल में होगा हनीप्रीत का इलाज-
कमर दर्द और माइग्रेन की शिकायत करने वाली हनीप्रीत का इलाज जेल के अस्पताल में ही होगा। जेल प्रशासन किसी भी सूरत में हनीप्रीत को सिविल अस्पताल में दाखिल कराने का जोखिम नहीं उठा सकता। इसके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया जा रहा है। हालांकि हनीप्रीत की ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट सामान्य निकली है।
गुरमीत का पासपोर्ट मिला, जांच होगी-
पंचकूला पुलिस को गुरसर मोडिया से हनीप्रीत की निशानदेही के बाद बरामद सूटकेस से गुरमीत का एक पासपोर्ट मिला है। पंचकूला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने बताया कि जो पासपोर्ट मिला है, उसमें कुछ गड़बड़ दिख रही है, जिसे जांच के लिए पासपोर्ट अथॉरिटी को भेज दिया गया है।
बता दें कि मुकदमा चलने के कारण गुरमीत को विदेश जाने के लिए हर बार कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ती थी। संदेह है कि इसी लिए उसने एक जाली पासपोर्ट भी बनवा लिया गया था, ताकि यदि फैसला उसके खिलाफ आया, तो काम आ सके।
सूत्र बताते हैं कि यह पासपोर्ट लगभग एक साल पहले बनवाया गया था। हनीप्रीत और गुरमीत जब अपनी फिल्मों की प्रमोशन के लिए विदेश जाते थे, तो वहां पर अपने कई समर्थक भी बना लिए थे, जो उनके लिए पूरा प्रबंध करते थे।