रांची/कोलकाता: बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बारे में आम नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने और स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करने हेतु समाधानों की जानकारी हासिल करने के लिए, स्विचऑन फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार में इंटर स्टेट डॉक्टर और सिविल सोसाइटी संगठन एक साथ आए। वेबिनार में स्वास्थ्य और कल्याण, सामाजिक और आर्थिक विकास पर असमानताओं के नकारात्मक प्रभावों और बंगाल, झारखंड और ओडिशा में बेहतर और अधिक समान स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से सभी के लिए स्वास्थ्य में सुधार के लाभों पर प्रकाश डाला गया। वर्चुअल कार्यक्रम के प्रथम भाग में एक प्रशिक्षण सत्र के बाद एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई।
स्विचऑन फाउंडेशन ने वेबिनार में एक अध्ययन का भी जारी किया, जो झारखंड और पश्चिम बंगाल में मानव स्वास्थ्य की सार्वजनिक धारणा के अध्ययन पर आधारित है। यह विचार संगोष्ठी झारखंड और पश्चिम बंगाल में वायु प्रदूषण के बारे में लोगों की जागरूकता और संवेदनशीलता के बारे में बेहतर समझ हासिल करना था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि लगभग पूरी वैश्विक आबादी (99 प्रतिशत) ऐसी हवा में सांस लेती है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों की सीमा से अधिक है और इसमें प्रदूषकों का स्तर काफी उच्च है। पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि यद्यपि वायु प्रदूषण सभी को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ लोग जैसे बच्चों, वृद्धों,गर्भवती महिलाओं और पहले से मौजूद हृदय और फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों के लिए ये ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
वर्चुअल कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के फेफड़ा रोग विशेषज्ञ, कैंसर रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञों ने अपनी अहम् भूमिका निभाई जो समाज के कमजोर वर्ग पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को उजागर कर रहे है। स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव की वर्तमान स्थिति को समझने के लिए विभिन्न संगठनों ने स्वेच्छा से प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
वेबिनार को नागरिक समाज संगठनों, युवा समूहों, स्वास्थ्य पेशेवरों, मीडिया और अन्य हितधारकों सहित बड़ी संख्या में लोगों द्वारा पंजीकृत किया गया और इसका लाभ लिया गया । झारखंड से वेबिनार में भाग लेने वाले कुछ एनजीओ जैसे बाल कल्याण संघ, एफडी फाउंडेशन और समाधान फाउंडेशन भी थे। पश्चिम बंगाल से वेबिनार में भाग लेने वाले कुछ एनजीओ में निफा, दुर्गापुर सब-डिवीजनल स्पोर्ट्स एंड कल्चरल सोसाइटी और पल्ला रोड पल्लीमंगल समिति शामिल थे।