स्वास्थ्य सूचकांक : केरल सर्वश्रेष्ठ जबकि उत्तर प्रदेश की “सेहत” सबसे खराब

asiakhabar.com | February 10, 2018 | 4:10 pm IST
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नई दिल्ली। राज्यों में स्वास्थ्य का हाल बताने वाली नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स (स्वास्थ्य सूचकांक) में केरल देश में सर्वश्रेष्ठ जबकि उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी राज्य है। स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत बयां करने वाले इस सूचकांक पर उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन झारखंड, उड़ीसा और बिहार से भी बदतर है।

तेजी से प्रदर्शन सुधारने के मामले में झारखंड सबसे आगे है। केंद्र शासित क्षेत्रों में राजधानी दिल्ली हेल्थ इंडेक्स में तीसरे नंबर पर है। इस इंडेक्स की अहमियत इसलिए है क्योंकि केंद्र इसी आधार पर राज्यों को विशेष अनुदान देगा। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शुक्रवार को “हेल्दी स्टेट्स, प्रोग्रेसिव इंडिया” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की जिसमें स्वास्थ्य सूचकांक पर राज्यों की यह रैंकिंग दी गई है। नीति आयोग में सलाहकार और वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आलोक कुमार के नेतृत्व में आयोग के अधिकारियों के दल ने विश्व बैंक, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा विशेषज्ञों की मदद से इस इंडेक्स को तैयार किया है।

नवजात मृत्यु दर (आइएमआर) और मैटरनल मॉर्टिलिटी रेट (एमएमआर) जैसे स्वास्थ्य संकेतकों के वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के आधार पर बनाई गई इस इंडेक्स पर 21 बड़े राज्यों, आठ छोटे राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों की तीन अलग-अलग श्रेणियों में रैंकिंग की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार हेल्थ इंडेक्स पर 80 अंकों के स्कोर के साथ बड़े राज्यों में केरल का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ है जबकि 33.69 अंकों के साथ उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी है। उत्तर प्रदेश का यह स्कोर बड़े व छोटे राज्यों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में न्यूनतम है।

हालांकि संतोष की बात यह है कि वर्ष 2014-15 में इस इंडेक्स पर उत्तर प्रदेश का स्कोर 28.14 था जो 2015-16 में 5.55 अंक सुधरकर 33.69 अंक हो गया है। इसके बावजूद यह देश में न्यूनतम है।

जम्मू-कश्मीर के अंक बढ़े-

बड़े राज्यों में हेल्थ इंडेक्स पर 65.21 अंकों के साथ दूसरा नंबर पंजाब का है। 62.12 अंकों के साथ हिमाचल प्रदेश 5वें पायदान पर है। जम्मू-कश्मीर 60.35 अंकों के साथ 7वें नंबर पर है और 2014-15 के इसके 53.52 अंक के स्कोर में 6.83 अंक का सुधार भी आया है। इस सूचकांक पर 52.02 अंकों के साथ छत्तीसगढ़ 12वें और 49.87 अंकों के साथ हरियाणा 13वें नंबर पर है।

झारखंड के प्रदर्शन में तेजी से सुधार-

हेल्थ इंडेक्स पर 45.33 अंक के साथ झारखंड 14वें नंबर पर है। खास बात यह है कि राज्य ने हाल के वर्षों में इस मामले में अपना प्रदर्शन सबसे तेजी से सुधारा है। 2014-15 में झारखंड का स्कोर मात्र 38.46 था जो 2015-16 में 6.87 अंक सुधर गया है जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है।

उत्तराखंड का प्रदर्शन गिरा-

स्वास्थ्य सूचकांक पर उत्तराखंड 45.22 अंकों के साथ 15वें नंबर है और हाल के वर्षों में राज्य का प्रदर्शन सुधरने के बजाय खराब हुआ है। हेल्थ इंडेक्स पर मात्र 38.46 अंकों के साथ बिहार 19वें नंबर पर है और राज्य के प्रदर्शन में कुछ खास सुधार नहीं आया है।

ऐसा सूचकांक बनाने वाला भारत पहला देश-

विश्व बैंक के भारत निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि दुनिया में भारत पहला ऐसा देश है जिसने राज्यों के स्तर पर इस तरह का इंडेक्स तैयार किया है। अन्य किसी भी देश में ऐसा उदाहरण नहीं मिलता। इससे सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।

जून में सरकारी अस्पतालों की रैंकिंग-

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इस साल जून तक आयोग देश के 730 सरकारी अस्पतालों की रैंकिंग भी जारी करेगा ताकि अच्छा और खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों का नाम सार्वजनिक किया जा सके। इस अवसर पर मौजूद स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही इस इंडेक्स पर राज्यों की रैंकिंग के आधार पर प्रोत्साहनों की घोषणा करेगा। इस रैंकिंग पर प्रदर्शन के आधार पर ही राज्यों को एक निश्चित अनुदान प्रदान किया जाएगा।


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