नई दिल्ली। प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व राज्यपाल और चौथी लोकसभा के सदस्य रहे चौधरी रणधीर सिंह का लगभग सौ वर्ष की आयु में 15 अप्रैल को निधन हो गया। उनका दाह संस्कार 16 अप्रैल को बरार स्क्वायर, दिल्ली कैंट स्थित श्मशान गृह में सैन्य सम्मान और सलामी के साथ किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए 23 अप्रैल 2023 को इंडिया इंटरनेशलन सेंटर में सभा का आयोजन किया जाएगा। चौधरी साहब के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
चौधरी रणधीर सिंह के सुपुत्र प्रसिद्ध चिकित्सक और चौपाल संस्था के अध्यश्र डॉ.राजेन्द्र सिंह टोंक ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव बैंय्यापुर रहने वाले किसान परिवार के रणधीर सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी। विद्यार्थी काल से ही स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में भाग लेने वाले चौधरी साहब ने अंग्रेजी अवर रूरल पुअर पुस्तक लिखी थी। उन्होंने लगभग 50 पुस्तकें लिखी। जन आंदोलनों में भागीदारी के कारण उन्हें सात बार जेल की सजा सुनाई गई थी।
हरियाणा के रोहतक निर्वाचन क्षेत्र से 1967 में चौथी लोकसभा के सदस्य रहे चौधरी रणधीर सिंह 1980 के दशक के दौरान कृषि मूल्य आयोग के चेयरमैन रहे थे। उन्होंने चैयरमैन रहते हुए किसानों को गेंहू और अन्य कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चौधरी रणधीर सिंह 1996 से 2001 तक सिक्किम के राज्यपाल रहे थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू और गाँधी परिवार के बहुत ही नजदीक रहे चौधरी रणधीर सिंह को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा श्रद्धांजलि देते महान कांग्रेसी और दिग्गज किसान नेता बताया।