नई दिल्ली। स्वच्छ भारत अभियान में एक भारतीय की पहल बड़ा बदलाव ला सकती है। सिनर्जी मीटियर ने ईकोलीन नाम से एक मशीन बनाई है, जो गीले ऑर्गेनिक कचरे को कभी भी खाद बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ऑटोमैटिक कंपोस्टिंग मशीन 24 घंटे काम करती है और इसे किचन, घर, मॉल, थियेटर, कैंटीन, रेस्टोरेंट, कार्यालयों, हॉस्पिटल, स्कूल या कॉलेज में कहीं भी लगाया जा सकता है।
यह मशीन 25/50/100/200 किलो की क्षमता के साथ आती है। हालांकि, यदि इससे ज्यादा क्षमता की जरूरत हो, तो वह भी मुहैया कराई जा सकती है। घरों और अन्य जगहों पर निकलने वाला गीला कचरा प्रमुख समस्या है, लेकिन इकोलीन ने इस कचरे को एक उपयोगी उत्पाद में बदल दिया है।
इसे घर के बगीचों और खेतों में इस्तेमाल किया जा सकता है। सिनर्जी के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर शेखर सी जिंदल ने कहा कि मशीन में थर्मोफिलिक बैक्टीरिया को पहले लोड किया गया है, जो 24 घंटे में कचरे में को खाद में बदल देता है।
ऐसा कचरा डालना होता है
शेखर ने बताया कि यदि सही तरीके से ध्यान दिया जाए, तो बैक्टीरिया पूरी जिंदगी काम कर सकते हैं। कटी हुई सब्जियां, फलों, बचा हुआ खाना, बगीचे का कचरा, और गैर-शाकाहारी बचा हुआ भोजन मशीन के डाला जा सकता है।
इन चीजों को नहीं डालें
हालांकि, कोयले, हड्डियां, डेयरी उत्पाद, पालतू जानवरों का मल, प्लास्टिक, धातु, दवाएं, कीटनाशकों, कपड़े, टेप, नारियल के गोले, रबड़, कांच, सिगरेट, बैटरी, एसिड और अन्य अकार्बनिक सामग्री को इसमें नहीं डालना चाहिए।
शेखर ने कहा कि यह उत्पाद बहुत कम बिजली की खपत करता है। इस प्रक्रिया के अंत में पानी, गंध या ध्वनि प्रदूषण आदि नहीं होता है और इसके साथ ही इसे काफी कम जगह में रखा जा सकता है।