रांची. स्कूलों में छात्राओं या महिला शिक्षकों पर कमेंटबाजी को लेकर सीबीएसई ने सख्त रुख अख्तियार किया है। इस संबंध में हाल ही में बोर्ड द्वारा कराए गए सर्वे में शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना की ढेरों शिकायतें सामने आई हैं।
इसके बाद बोर्ड ने इस संबंध में स्कूलों के लिए निर्देश जारी किया है। इसके तहत स्कूल प्रबंधन को एक कमेटी गठित करनी होगी जो ऐसी हरकतों पर कड़ी निगरानी रखेगी।
अगर स्कूल में किसी ने कमेंट या किसी छात्रा या महिला टीचर के साथ अभद्रता की तो उसे स्कूल से निष्कासित तक किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सीबीएसई की तरफ से देश के चुनिंदा स्कूलों में सर्वे कराया गया था। जिसमें क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन के साथ ही छात्राओं और शिक्षकों के बीच गुरु-शिष्य परंपरा को लेकर कुछ सवाल किए गए थे।
इसमें यह बात सामने आई कि छात्राओं को अक्सर स्कूल में कमेंट सुनने पड़ते हैं, लेकिन संकोचवश छात्राएं इस बात की शिकायत अपने टीचर्स या फिर प्रिंसिपल से नहीं कर पाती हैं।
वहीं सर्वे में कुछ शिक्षिकाओं ने भी मानसिक रूप से परेशान करने की शिकायत की। शिक्षिकाओं का कहना था कि कक्षा 9वीं से 12वीं के कुछ लड़के अक्सर महिला शिक्षिकाओं पर कमेंट पास करते हैं।
तमाम शिकायतों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने स्कूलों को निर्देश जारी किया है। इसके तहत स्कूल प्रबंधन को एक हरासमेंट कमेटी बनानी होगी, जिसमें प्रिंसिपल, डायरेक्टर, एक शिक्षक, छात्र प्रतिनिधि व अभिभावकों को शामिल किया जाएगा।
कमेटी पीड़िता की शिकायत पर बैठक कर कार्रवाई के लिए निर्णय लेगी। इसके बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड ने इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।