नई दिल्ली। सरकार ने छोटे और स्थानीय उद्यमियों सहित समाज के सभी वर्गों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की हैं जिससे वे अपने व्यवसायों के लिए इंटरनेट का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय अपने स्वायत्त संस्थानों यानी राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के माध्यम से इस दिशा में विभिन्न पहल कर रहा है।
राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) ने भारतीय उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के लिए 4 सितंबर, 2023 को मेटा के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य महत्वाकांक्षी और मौजूदा छोटे व्यवसाय मालिकों को आज के गतिशील बाजार के माहौल में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण, ज्ञान और संसाधन प्रदान करना और फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे मेटा प्लेटफॉर्म के माध्यम से सात क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल मार्केटिंग कौशल में उभरते और मौजूदा उद्यमियों को प्रशिक्षित करना है। एनआईईएसबीयूडी विभिन्न लक्षित समूहों के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) आयोजित करता है, जो आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं और अपने लघु और सूक्ष्म उद्यम शुरू करना चाहते हैं। डिजिटल साक्षरता और डिजिटल मार्केटिंग का मॉड्यूल (ईडीपी) के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। विभिन्न परियोजनाओं के तहत डिजिटल साक्षरता पर प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत स्वायत्त संस्थान भारतीय उद्यमिता संस्थान, गुवाहाटी ने छोटे या स्थानीय उद्यमियों को अपने व्यवसायों, जैसे ऑनलाइन लेनदेन, वस्तुओं की ऑनलाइन खरीद-बिक्री आदि के लिए इंटरनेट का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद करने के लिए विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए हैं। आईआईई ने केंद्र सरकार के विभागों के साथ-साथ राज्य सरकार के विभागों के तत्वावधान में विभिन्न उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जैसे कि डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन द्वारा प्रायोजित डिजी-बुनाई कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) द्वारा प्रायोजित पीएम-दक्ष योजना के तहत उद्यमिता विकास प्रशिक्षण, प्रशिक्षण महानिदेशालय (एमएसडीई) द्वारा प्रायोजित औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) परियोजना। आईआईई ने डिजिटल साक्षरता के साथ-साथ उद्यमिता विकास के विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पाठ्यक्रम की एक श्रृंखला विकसित की है, ताकि छोटे या स्थानीय उद्यमी अपने व्यवसाय के विकास के लिए डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, इंटरनेट, डिजिटल लेनदेन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने में सक्षम हों।
उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में कौशल को बढ़ावा देने और उन्हें मौजूदा व्यावसायिक प्रशिक्षण ढांचे के साथ एकीकृत करने के लिए, सूचना प्रौद्योगिकी- सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर स्किल काउंसिल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, ब्लॉक चेन और ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी जैसे क्षेत्रों में 54 एनएसक्यूएफ (राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा) विकसित की हैं। साथ ही, एमएसडीई के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित नए युग की प्रौद्योगिकियों में अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए आईबीएम, सिस्को, क्वेस्ट अलायंस और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन कार्यक्रमों की पाठ्यक्रम सामग्री भारत कौशल पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है।
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है, जो अपने स्वयं के केंद्रों और संबद्ध प्रशिक्षण भागीदारों के माध्यम से एमईआईटीवाई द्वारा वित्तपोषित विभिन्न कौशल विकास और क्षमता निर्माण परियोजनाओं/योजनाओं को लागू कर रही है। इसके लाभार्थियों में छोटे या स्थानीय उद्यमी शामिल हैं। ऐसी परियोजनाओं/योजनाओं का विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल मार्केटिंग, एनीमेशन, डिजाइनिंग, संपादन आदि में प्रशिक्षण के लिए युवाओं की रोजगार क्षमता और उद्यमशीलता क्षमताओं में सुधार लाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के युवाओं को विभिन्न आईटी और आईटीईएस-संबंधित प्रौद्योगिकियों में कौशल-उन्मुख प्रशिक्षण के लिए “उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के टियर- II और टियर- III शहरों में डिजिटल प्रौद्योगिकियों में युवाओं का कौशल विकास” नामक परियोजना को लागू किया। अब तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में 800 उम्मीदवारों को डिजिटल (मार्केटिंग/विज्ञापन बिक्री/ट्रैफिक) में प्रशिक्षित किया गया है। परियोजना का विवरण अनुलग्नक-III में दिया गया है।