नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने टेरर फंडिंग के आरोपित कश्मीरी बिजनेसमैन जहूर अहमद वताली को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मिली जमानत को निरस्त कर दिया है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज ये फैसला सुनाया। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी(एनआईए) ने दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 14 सितंबर,2018 को सुप्रीम कोर्ट ने वताली की जमानतत पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने 13 सितंबर को वताली को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और दो-दो लाख रुपये के दो प्रतिभूतियों पर जमानत दी थी। हाईकोर्ट ने वताली को अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था। वताली अगस्त,2017 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उसकी जमानत याचिका पटियाला हाउस कोर्ट खारिज कर चुका था। वताली के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर पटियाला हाउस कोर्ट ने 02 फरवरी,2018 को संज्ञान लिया था। आरोप पत्र में हाफिज सईद, आतंकी सैयद सलाहुद्दीन और वताली के अलावा सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ शाह को आरोपित बनाया गया है। वताली को 17 अगस्त,2017 को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। वताली के यहां तलाशी में संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिससे पता चला है कि आतंकी संगठन ने उसके बैंक अकाउंट में पैसे जमा किये थे और कैश डिलीवरी की थी।