नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को उस समय नाटकीय दृश्य देखने को मिला जब रोती-चिल्लाती महिलाओं का एक समूह अदालत कक्ष में घुस आया। इस वजह से अदालत की कार्यवाही करीब आधे घंटे तक बाधित रही। बाद में जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने खुद को मामले से अलग कर लिया।
महिलाओं के आगमन से पहले जस्टिस जे. चेलमेश्वर और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका पर पीठ ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में रोहिणी सेक्टर-15 की मॉडर्न कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के विवादित फ्लैटों को एक हफ्ते में खाली करने का आदेश सुनाया था। साथ ही कहा था कि इसके लिए आगे और समय नहीं दिया जाएगा। पीठ ने इसके बाद मामले को एक हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।
पीठ के आदेश देने के कुछ ही मिनट बाद कई महिलाएं (ज्यादातर मध्यम आयुवर्ग की) रोती और चिल्लाती हुईं अदालत कक्ष (कोर्ट नंबर-2) में आ गईं। महिलाओं का कहना था कि उनके पास कहीं और जाने की कोई जगह नहीं है और वे सोसायटी में कई दशकों से रह रही हैं। कुछ महिलाओं ने यह भी कहा कि उन्होंने बैंकों से ऋण लिया हुआ है, अगर उन्हें जबरन बाहर निकाला गया तो वे वित्तीय बोझ से दब जाएंगी।