श्रीनगर। सुंजवां सैन्य ब्रिगेड मुख्यालय पर हमले में लिप्त जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के कश्मीर से संबंध का पता लगाने के लिए पुलिस ने विशेष जांच दल बनाए हैं। यह जांच दल कुलगाम, त्राल, शोपियां और पुलवामा के अलावा उत्तरी कश्मीर के बारामुला में उन तत्वों की निशानदेही कर रहा है, जो कभी जैश-ए-मोहम्मद के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम कर चुके हैं या फिर कर रहे हैं।
पिछले साल पकड़े गए जैश के एक स्थानीय आतंकी से भी पूछताछ की तैयारी है। गौरतलब है कि सुंजवां हमले के दौरान मारे गए जैश के तीन आतंकियों की पहचान कारी मुश्ताक उर्फ छोटू, मोहम्मद आदिल उर्फ इरफान और मोहम्मद खालिद उर्फ राशिद के रूप में हुई है। ये तीनों आतंकी त्राल, पुलवामा में एक साल से सक्रिय थे। सुंजवां हमला होने से पहले विभिन्न खुफिया एजेंसियां जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले का अलर्ट जारी कर रही थीं। यह अलर्ट कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की रेडियो बातचीत से मिले संकेतों के आधार पर जारी किया गया था।
सुंजवां हमले से कुछ दिन पहले भी अलर्ट जारी हुआ था, जिसमें कहा गया था कि आतंकियों का एक दल आम सवारियों के भेष में किसी टैक्सी पर सवार होकर कश्मीर से बाहर जाने वाला है। इसलिए पूरी संभावना है कि सुंजवां में मारे गए जैश के तीनों पाकिस्तानी आतंकी वही हैं, जो पुलवामा में एक साल के दौरान सक्रिय रहे हैं। इसलिए उनके ओवरग्राउंड नेटवर्क से जुड़े सभी तत्वों की निशानदेही का प्रयास किया जा रहा है। सुंजवां हमले की जांच से जुड़े अधिकारियों की मानें तो मारे गए आतंकियों ने मुठभेड़ के दौरान किसी से भी मोबाइल फोन या रेडियो सेट के जरिये संपर्क नहीं किया है। इनके पास से कोई संचार उपकरण भी नहीं मिला है। इससे साफ है कि वह अपने टारगेट से पूरी तरह परिचित थे और उनके पास स्थानीय मदद भी उपलब्ध थी।
सुंजवां आतंकी हमले में ओजीडब्ल्यू हिरासत में
सुंजवां में सेना की ब्रिगेड पर फिदायीन हमले की जांच में जुटी पुलिस ने बुधवार को एक संदिग्ध ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) को हिरासत में लिया है। जम्मू के एसएसपी विवेक गुप्ता और एसपी साउथ संदीप चौधरी आरोपी से गहन पूछताछ कर रहे हैं। माना जा रहा है कि हिरासत में लिया गया भठिंडी के आसपास के क्षेत्र का रहने वाला यह ऑटो चालक ही चारों आतंकियों को लेकर सुंजवां के साथ लगते नरवाल इलाके तक आया था। वहां से आतंकी पैदल 36वीं सैन्य ब्रिगेड की पिछली दीवार तक पहुंचे। कुछ समय वहां बिताने के बाद आतंकियों ने दीवार पर लगी कंटीली तार को काटा और अंदर घुस गए।
अगर पुलिस को ऑटो चालक से कोई सुराग मिलता है तो सुंजवां ब्रिगेड हमले का पटाक्षेप संभव हो सकता है। फिलहाल, संदिग्ध से महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई जा रही हैं। इस हमले में तीन आतंकी मारे गए थे। चौथे का अभी कोई सुराग नहीं मिला है। माना जा रहा है कि वह आतंकियों का गाइड हो सकता है।
पांचवें दिन भी जारी रहा सुंजवा में तलाशी अभियान
सुंजवां ब्रिगेड में पांचवें दिन भी सेना का सर्च ऑपरेशन जारी रहा। इस दौरान आतंकियों को मारने के लिए गिराई गई आवासीय इमारत के एक हिस्से के मलबे को खंगाला गया। सेना की एफएसएल टीम को कुछ सुबूत मिले हैं, जिसमें यह पाया गया कि यह गोलाबारूद पाकिस्तान का है। पूरे क्वार्टरों की जांच के चलते यहां रहने वाले करीब तीन हजार परिवारों को परिसर के अंदर बने केंद्रीय विद्यालय और आर्मी स्कूल में ठहराया गया है। उन्हें फिलहाल क्वार्टरों में जाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके चलते केंद्रीय विद्यालय और आर्मी स्कूल भी बंद हैं। ये स्कूल शुक्रवार तक खोले जा सकते हैं।