नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद भले ही कृषि विधेयक कानून
बन गया हो लेकिन इसे लेकर जारी विवाद थम नहीं रहा है। विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस के समर्थन के बाद
किसानों का आक्रोश और बढ़ गया है। पंजाब समेत देश में कई जगहों पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे
हैं। कांग्रेस तो कृषि कानून को ‘किसान विरोधी’ बताते हुए इसके जरिए सरकार को घेरने में लगी है। इसी मुद्दे को
लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान पर तंज कसा है, जिसमें
उन्होंने कहा था कि विपक्ष को संसद में सरकार से लड़ना चाहिए। कपिल सिब्बल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा,
“निर्मला सीतारमण जी कहती हैं कि ‘सदन में हमसे लड़ो…’ कौन सा सदन? और कहां- वही जहां प्रधानमंत्री सवालों
के जवाब नहीं देते… विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा नहीं की जाती है… विपक्षियों की आवाज दबाने के लिए माइक्रोफोन
बंद किए गए… चीन की घुसपैठ पर चर्चा तक नहीं की जा सकती… किसी विधेयक पर मत-विभाजन की मांग को
भी खारिज कर दिया गया।” उन्होंने कहा कि सदन सबको बराबर मौका देने का स्थान है लेकिन वर्तमान में वहां भी
राजशाही कायम है। वहीं इस नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष और किसान खासे आक्रोशित हैं। इस बीच कांग्रेस
की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते दिन कांग्रेस शासित राज्यों से कहा है कि वे कृषि कानून को खारिज
करने वाले कानून पर विचार करें। राज्यों से कहा गया है कि वे संविधान के अनुच्छेद 254(2) के तहत अपने
राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाएं।