नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कोरोना वायरस से संक्रमित दिल्ली पुलिस के
सिपाही अमित कुमार के उपचार में कथित लापरवाही की शिकायत और मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए दिल्ली
के मुख्य सचिव और केन्द्रीय गृह सचिव को नोटिस देकर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। सिपाही अमित
कुमार की कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु हो गयी थी। आयोग ने दोनों अधिकारियों से अस्पतालों द्वारा कोरोना
पीडितों के उपचार से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया तथा उसके क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी देने को कहा
गया है।
आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि पुलिसकर्मी, डाक्टर और अर्द्धचिकित्सक कोरोना के मोर्चे पर डटे हुए
हैं। उसने कहा है कि ईमानदारी के साथ ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को अस्पताल में कथित रूप से दाखिल नहीं
किया जाना चिंता का विषय है। युवा सिपाही को यदि समय पर उपचार मिल जाता तो उस की जान बचायी जा
सकती थी। इस घटना से यह भी संदेश जाता है कि कोरोना से संक्रमित रोगियों का संभवत अस्पतालों में मानक
प्रोटोकोल के अनुरूप उपचार नहीं किया जा रहा है। इससे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का पता चलता है।
आयोग ने यह भी कहा है कि इस घटना से यह संकेत भी मिलता है कि अस्प्तालों में ढांचागत सुविधाओं और सही
दृष्टिकोण की कमी है। जरूरत है कि अस्पतालों को स्थिति से संवेदना और मानवीय दृष्टिकोण के साथ निपटना
चाहिए।