मल्टीमीडिया डेस्क। भारत सरकार का सागरमाला प्रोजेक्ट जल्द शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों गुजरात में एक चुनावी रैली में इसका ऐलान किया था और अब यह प्रस्ताव केंद्रीय कैबिनेट से भी पास कर दिया है। एक नजर इस योजना से जुड़ी अहम बातों पर –
– सागरमाला प्रोजेक्ट की घोषणा 15 अगस्त 2003 को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने की थी। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही 2014 में इसकी रणनीति पर मंथन शुरू हुआ था और अब काम शुरू होने जा रहा है।
– इस योजना को सागरमाला नाम दिया गया है, क्योंकि इसके तहत देश के प्रमुख और गैर प्रमुख बंदरगाहों को आपस में जोड़ा जाएगा।
– इसके तहत देश के चारों ओर के 7500 किमी लंबे तटीय क्षेत्र को राजमार्गों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 70 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
– पूरे प्रोजेक्ट में रेल मंत्रालय की भूमिका बहुत अहम है। रेल मंत्रालय 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से 21 बंदरगाहों को रेल यातायात से जोड़ेगा।
– प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद जहाजों से माल उताकर रेल और सड़क के रास्ते गंतव्य तक पहुंचाना बहुत आसाना हो जाएगा। इससे सरकार को हर साल 40 हजार करोड़ रुपए की बचत का अनुमान है।
– यह प्रोजेक्ट नदियों को आपस में जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। जहां तक संभव होगा समुद्र या नदी के रास्ते माल ढोने की कोशिश की जाएगी।
– सरकार का दावा है कि 10 साल तक चलने वाले इस प्रोजेक्ट से 1 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।