नई दिल्ली। झारखंड में बच्ची की भूख से मौत के बाद केंद्र सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए फरमान जारी किया है कि जिनके पास आधार नहीं है, उन्हें भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत मिलने वाला राशन मुहैया कराया जाए।
राज्यों को निर्देश दिए हैं कि उन लाभार्थियों के नाम सूची से न हटाए जाएं, जिनके पास आधार नहीं है या फिर जिनका राशन कार्ड आधार से अभी नहीं जुड़ सका है।
साथ ही चेतावनी दी है कि इसका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि झारखंड में 11 साल की बच्ची की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई, क्योंकि उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन देने से मना कर दिया गया था।
राज्य के अधिकारियों का कहना था कि उसके पास आधार नहीं होने से उसका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया था। आधार की लगातार पैरवी कर रहे केंद्र ने इसके बाद ही अपना पैंतरा बदला और आनन-फानन में नया फरमान जारी कर दिया।
इसमें कहा गया है कि राशन कार्ड तभी रद्द किया जा सकता है, जब यह साबित हो जाए कि इसे गलत तरीके से बनाया गया या फर्जीवाड़ा किया गया है। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय का कहना है कि राज्यों को कहा गया है कि व्यक्ति अगर सही है तो उसे आधार न होने की वजह से योजना का लाभ देने से इनकार न किया जाए।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत दिसंबर तक राशन कार्ड को आधार से लिंक करना जरूरी है, लेकिन केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि समय सीमा को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है। उनका कहना है कि 82 फीसदी राशन कार्ड आधार से जोड़े जा चुके हैं।