नई दिल्ली: कला के माध्यम से देश के अंदर राष्ट्रीय भाव और भारत की कला दृस्टि विकसित करने का कार्य करने वाली संस्था संस्कार भारती के ‘कला संकुल में कल मंगलवार को हुई संगीत विधा की पहली संगोष्ठी में उत्तराखंड के प्रमुख लोक गायक श्री बी के सामंत जी ने अपनी प्रस्तुति दी। संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय जन संचार संस्थान के डीन (अकादमिक) एवं उत्तराखंड भाषा संस्थान सदस्य प्रो. गोविंद सिंह जी विशिष्ट अतिथि रहे, मुख्य अतिथि के रूप में मयूर विहार बीजेपी के जिलाध्यक्ष श्री विनोद बछेती जी की विशेष उपस्थिति रही।
लोक कला से जुड़े रहने को अपनी प्रसिद्धि का श्रेय देते हुए सामंत जी ने प्रर्यावरण पर अपनी चिंता और पलायन के पीड़ के अंतर्द्वंद को अपने गीतों की प्रस्तुति के माध्यम से व्यक्त किया। उल्लेखनीय है श्री बी के सामंत, उत्तराखंड के चम्पावत जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे हुए हैं। उन्होंने अपने बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में रुचि प्रकट की और उत्तराखंड से मुंबई चले गए, जहां उन्होंने संगीत की साधना की और अपनी लोक संस्कृति के प्रति अपार आकर्षण दिखाया। उन्होंने उत्तराखंड की भाषा, संगीत और लोक साहित्य के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को प्रसारित करने के लिए अपनी लोक कला का माध्यम चुना। अपनी लोक कला और संस्कृति से जुड़े रहने का परिणाम आज सभी के सामने है आज सामंत जी देश ही नहीं वरन विश्व भर में ख्याति प्राप्त कलाकार है।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि श्री गोविदं सिंह ने संस्कार भारती द्वारा उत्तराखंड की कला संस्कृति हेतु संगोष्ठी आयोजन के सन्दर्भ को बड़ी उपलब्धि करार दिया वही विशेष रूप से कुमाऊं और गढ़वाल के बीच पारस्परिक सम्बन्धो को और प्रगाढ़ बनाने में कला की भूमिका की विशेष रूप से सराहना की और उत्तराखंड के नवोदित कलाकारों द्वारा किये जा रहे कार्यो द्वारा उत्तराखंडी संस्कृति के उज्वल भविष्य की कामना की।
संगोष्ठी में संस्कार भारती अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं कला संकुल के अधिकारी श्री अशोक तिवारी जी सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए लोक कला की महत्ता पर विशेष प्रकाश डाला ।
इस संगोष्ठी में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित श्री भूपेश जोशी जी, दूरदर्शन में कार्यरत सीनियर प्रोडूसर श्री महेश जोशी, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता, एवं हिमालय परिवार के सह संपादक श्री भुवन भट्ट जी, एम्स मीडिया के निदेशक श्री राकेश धस्माना जी, हिमांशु डबराल, दीप सिलोड़ी, मनोज कापड़ी, राकेश कांडपाल, दीवान कार्की, मनोज भट्ट, छत्र सिंह, के एन पांडेय, चन्दन सिंह, संजय शर्मा डर्मोडा, मनोज गोरकेला सहित उत्तराखंड के विभिन्न उत्तराखंडी संगठनों और समुदायों से विशेष गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
संस्कार भारती अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व कला संकुल अधिकारी श्री अशोक तिवारी जी के मार्गदर्शन में संगोष्ठी का संयोजन एवं सञ्चालन बृजेश भट्ट, एवं कार्यक्रम परिकल्पना प्रशांत उपाध्याय की रही।
कुल मिलाकर यह उत्तराखंड की कला संस्कृति हेतु भविष्य में नए आयाम स्थापित करने वाला कार्यक्रम रहेगा और आगामी भविष्य में उत्तराखंड सहित और भी राज्यों की कला और कलाकारों के बीच इसी प्रकार संवाद स्थापित किया जायेगा।