नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है और बुधवार को कार्यवाही के दौरान पीएनबी घोटाले व अन्य मुद्दों के साथ मूर्ति तोड़ने का मुद्दा भी राज्यसभा में गूंजा। विपक्ष ने लेनिन, पेरियार की मूर्तियां तोड़े जाने को लेकर जमकर हंगामा किया। इसे देखते हुए राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने कहा कि मूर्तियां तोड़ने वाले मैड हैं और यहां हंगामा करने वाले बैड। विपक्ष के हंगामें के चलते सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इससे पहले संसद सत्र के तीसरे दिन भी पीएनबी घोटाला समेत अन्य मुद्दों पर दोनों सदनों में हंगामा जारी रहने के आसार हैं। विपक्ष ने कई मुद्दों पर खास तौर से पीएनबी घोटाले को लेकर सरकार को चौतरफा घेरने की रणनीति बनाई है। वहीं टीडीपी जैसे सहयोगी दल भी अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश में हैं।
इससे पहले दूसरे दिन मंगलवार को भी पीएनबी घोटाला समेत अन्य मुद्दों को लेकर जारी हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही। लोकसभा में तो सत्तारूढ़ राजग के घटक दल शिवसेना के सांसद भी मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर हंगामा करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए।
वहीं, तेलुगू देसम पार्टी के सांसदों ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने तथा अन्नाद्रमुक सदस्यों ने कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीएनबी घोटाले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग की।
राज्यसभा में सदस्यों ने बैंकिंग घोटाला, आंध्र प्रदेश को विशेषष पैकेज और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठन के मामले पर हंगामा किया। हंगामे पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘यह कोई तरीका नहीं है। यह संसद है, बाजार नहीं।’
पहले दिन भी संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ। राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। विपक्ष ने विरोध-प्रदर्शन किया और फिर दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। विरोध-प्रदर्शन का आलम ये था कि दोनों सदनाें की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी पार्टियों ने एनडीए सरकार को घेरने के लिए पीएनबी घोटाले को उठाने की रणनीति तैयार की है। विपक्षी पार्टियां संयुक्त संसदीय समिति से पीएनबी घोटाले की जांच कराने की मांग भी करने वाली हैं। हालांकि तीन राज्यों की ताजा चुनावी कामयाबी से उत्साहित सरकार भी घोटाले की जांच में बरती जा रही तेजी के सहारे विपक्ष के दांव को थामने के लिए तैयार है।