श्री श्री का अयोध्या दौरा: जानें उम्मीद जगी या मिली निराशा

asiakhabar.com | November 17, 2017 | 4:19 pm IST

17 Nov अयोध्या। मंदिर-मस्जिद विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गुरुवार को रामनगरी पहुंचे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर शाम तक वापस हो गए लेकिन, जाते-जाते मसले के सौहार्दपूर्ण हल का विश्वास जिंदा कर गए। अयोध्या आने से एक दिन पहले श्री श्री ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत दोनों पक्षों से जुड़े लोगों से मुलाकात की थी।

गुरुवार को श्री श्री की यात्रा रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष व मणिरामदास छावनी के महंत नृत्य गोपालदास से मुलाकात के साथ शुरू हुई। छावनी ट्रस्ट की ओर से संचालित दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय के सभागार में महंत नृत्यगोपालदास के साथ रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति त्रिपाठी आदि ने श्रीश्री का स्वागत किया।

श्री श्री ने भी संतों को अंगवस्त्र देकर अभिनंदन किया। इसके बाद बंद कमरे में करीब 15 मिनट तक उन्होंने संतों से मंत्रणा की। फिर श्री श्री का काफिला रामलला दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचा। दर्शन कर लौटते हुए श्री श्री ने कहा “कोई अच्छा काम करने चलो तो बाधाएं आती ही हैं।”

फिर वह बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में थे। दर्शन-पूजन के बाद बोले “हनुमान जी की कृपा से सौहार्दपूर्ण हल की बाधाएं दूर होंगी।” यहां के बाद श्री श्री तोताद्रि मठ पहुंचे। यहां मठ के महंत जगद्गुरु स्वामी अनंताचार्य से भेंट के बाद उन्होंने कुछ पल विश्राम किया। करीब एक घंटे बाद वह निर्मोही अखाड़ा पहुंचे। यहां अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास व महंत राजारामचंद्राचार्य से भेंट के बाद वह मीडिया से भी मुखातिब हुए।

रामनगरी से लौटते हुए उन्होंने बाबरी मस्जिद के मुद्दई मो. इकबाल अंसारी व हाजी महबूब से भी मुलाकात की और दोनों मुस्लिम नेताओं के आवास पर 15-15 मिनट का समय गुजारने के बाद श्रीश्री फैजाबाद के फार्ब्स इंटर कालेज में प्रस्तावित दोनों समुदाय के नुमाइंदों के साथ बैठक के लिए रवाना हो गए।

तीन से छह माह में दिखेगा प्रयास का असर

श्री श्री ने मीडिया से कहा, “मंदिर-मस्जिद के लिए संघर्ष करते बहुत समय बीत गया है, अब सौहार्द का नया अध्याय शुरू हो और दोनों समुदायों की सहमति से भव्य राम मंदिर बने।”

उन्होंने यह स्वीकार किया कि मसला जटिल है और बहुत लोगों ने इसके सौहार्दपूर्ण हल की उम्मीद छोड़ दी है पर ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जो इस दिशा में आशान्वित हैं।

श्री श्री ने उम्मीद जताई कि अगले तीन से छह माह के बीच सौहार्द के प्रयास का असर दिखने लगेगा। कहा कि अदालत से अथवा कानून पारित कर इस विवाद के हल की कोशिश से भविष्य में यह विवाद फिर पैदा हो सकता है पर आपसी सहमति से मसले का हल भावी पीढ़ियां सहज स्वीकार करेंगी।

सौहार्द का प्रयास सराहनीय : नृत्यगोपालदास

श्री श्री से अकेले में मुलाकात के बाद नृत्य गोपाल दास ने उनके प्रयास को सराहनीय बताया और कहा कि आपसी सहमति से मंदिर का निर्माण हो, इससे अच्छा कुछ और नहीं हो सकता।

यदि वे ईमानदार हैं तो हम स्वागत करते हैं : हाजी महबूब

बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाजी महबूब बोले “श्री श्री चाहते हैं कि मामले में मैं पडूं और अगर वह सच में दिल खोलकर बात करते हैं तो मैं उनके प्रयास का स्वागत करता हूं।” उन्होंने कहा, मैं तो चाहता हूं कि प्यार-मोहब्बत से मसले का हल हो और 120 गुणे 90 फीट के विवादित स्थल को छोड़कर मंदिर कहीं भी बने, हमें कोई एतराज नहीं।

नहीं मिले महंत ज्ञानदास

दशकों से मंदिर-मस्जिद विवाद के सौहार्दपूर्ण हल का अभियान चला रहे बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी से जुड़े शीर्ष महंत ज्ञानदास ने श्री श्री से मुलाकात का प्रस्ताव ठुकरा दिया। श्री श्री का काफिला उनके दरवाजे पर था पर ज्ञानदास ने उनसे भेंट करना मुनासिब नहीं समझा। महंत ज्ञानदास ने श्री श्री की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया। कहा, वह मनमुखी साधु हैं। उनके गुरु और संप्रदाय तक का पता नहीं है और वह स्वयं गुरु बन कर घूम रहे हैं। उन्होंने लोगों को श्री श्री से बचने की सलाह दी और उनकी श्रीश्री उपाधि को भी संदिग्ध बताया।

यदि संभव होता तो विवाद का हल पहले ही हो जाताः योगी

पीटीआइ के मुताबिक श्री श्री रविशंकर द्वारा अयोध्या विवाद के हल के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कहा कि सभी जानते हैं कि बातचीत किस दिशा में जाएगी। अगर हल निकलना होता तो पहले ही निकल आता। फिर भी अगर कोई संवाद से विवाद का हल निकालना चाहता है तो इसमें हर्ज क्या है। सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है।


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