जम्मू । जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों के बंद का असर अमरनाथ यात्रा परदेखने को मिला है। अलगाववादियों के बंद के कारण एक दिन के लिए अमरनाथ यात्रा रोक दी गई।अलगाववादियों द्वारा श्रीनगर बंद बुलाए जाने के कारण आज यानी शनिवार को अमरनाथ जाने वाले
किसी भी तीर्थयात्री को जम्मू से कश्मीर घाटी की ओर जाने की इजाजत नहीं दी गई है। पुलिस ने
बताया कि अलगाववादियों के प्रदर्शनों को देखते हुए कानून-व्यवस्था और अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा
के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
अलगाववादियों के बंद के आवाह्न को देखते हुए सुरक्षा बल अलर्ट पर है। घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
किए गए हैं। सुरक्षा बल चप्पे चप्पे पर नजर बनाए हुए हैं। अलगाववादियों के संयुक्त संगठन ज्वाइंट
रजिस्टेंस लीडरशीप के श्रीनगर बंद की कॉल के बीच आज सुरक्षा बलों को अलग-अलग गाड़ियां न ले
जाने की हिदायत दी गई है। साथ ही सुरक्षा बलों और आर्मी को कश्मीर के आंतरिक इलाकों में न जाने
की सलाह दी गई है।
बता दें कि सन 1913 में इसी दिन डोगरा महाराजा की सेनाओं द्वारा श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर
गोलीबारी हुर्इ थी जिसमें करीब 22 लोग मारे गए थे। अलगाववादी हर साल 13 जुलाई को शहीद दिवस
के तौर पर मनाते हैं। अलगाववादियों के संयुक्त संगठन ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) की ओर
से यह बंद डाउन टाउन इलाके में हुई उक्त गोलीबारी के विरोध में बुलाया गया है। जम्मू के लोग इस
आयोजन का विरोध करते हैं क्योंकि यह मामला तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के खिलाफ विद्रोह से जुड़ा
है। अलगाववादियों के बंद को देखते हुए यात्रा मार्ग समेत अन्य संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के तगड़े
बंदोबस्त किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पहली जुलाई से शुरू हुई बाबा अमरनाथ यात्रा ने इस बार पिछले साल का रिकॉर्ड
तोड़ दिया है। इस साल यात्रा के 12वें दिन डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र हिमलिंग के दर्शन कर
चुके हैं। पिछले वर्ष यह आंकड़ा यात्रा शुरू होने के बाद 16वें दिन पार किया था। श्रद्धालु गुफा में
विराजमान हिमलिंग को भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक मानते हैं।