नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई। कुंभ भले ही 2025 में लगने जा रहा है। लेकिन भारतीय रेलवे ने दो साल पहले ही तैयारियां शुरू कर दी है। रेलवे की योजना है कि इस दौरान महाकुंभ मेले के लिए 800 मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएगी। इसमें खास बात यह है कि यह ट्रेन केवल प्रमुख स्नान पर्व के लिए ही उपलब्ध होंगी।
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, कुंभ स्पेशल ट्रेन शुरू होने से देश भर से श्रद्धालुओं को धर्म नगरी प्रयागराज में आने-जाने में सुविधा और सहूलियत होगी। हाल ही में महाकुंभ की तैयारियों को लेकर रेल मंत्री ने अफसरों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में स्टेशन की व्यवस्थाओं से लेकर ट्रेनों की मौजूदा स्थिति को लेकर विस्तार से समीक्षा की गई। महाकुंभ के लिए उत्तर-मध्य रेलवे को नोडल बनाया गया है। यह प्रयागराज में उत्तर रेलवे व पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों से संचालित होने वाली सुविधा व महाकुंभ को लेकर चल रही योजनाओं की निगरानी व अगुवाई भी कर रहा है। प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, छिवकी, नैनी, पूर्वोत्तर रेलवे के राम बाग एवं उत्तर रेलवे के प्रयागराज संगम, प्रयाग व फाफामऊ रेलवे स्टेशन से महाकुंभ से संबंधित यात्री सुविधाओं का संचालन किया जाएगा।
वर्ष 2025 में होने वाले महाकुंभ में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने के आसार हैं। तीर्थ यात्रियों को बेहतरीन यातायात सुविधा के लिए एनसीआर, एनईआर और एनआर के नौ स्टेशनों की योजना बनाई गई है। जहां 837 करोड़ रुपये के बजट से एनआर, एनसीआर और एनपीआर के द्वारा किए जाने वाले आरओबी और आरयूबी का निर्माण किया जाएगा। इन सभी की मंजूरी रेल मंत्रालय ने दी है। कुंभ में भक्तों की भीड़ को देखते हुए रेलवे इसके लिए अपनी अलग-अलग टीमें बनाएगा। जिनका कार्य स्टेशन परिसर के अंदर और बाहर के वातावरण का अवलोकन करना होगा।
महाकुंभ के दौरान कुछ ऐसी तैयारी रहेगी रेलवे की
दिल्ली कंट्रोल रूम ऑफिस से रेलवे अधिकारी और कर्मचारी ट्रेनों का 24 घंटे निरीक्षण करेंगे। ट्रेनों की लाइव लोकेशन हर वक्त अपडेट होगी और उसकी रिपोर्ट तैयार होती रहेगी। जिस रेलवे स्टेशन पर भीड़ अधिक होगी, वहां तत्काल मेला स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाई जाएंगी। ट्रेनों, प्लेटफार्मों और स्टेशनों के बाहर मौजूद भीड़ के आकलन के लिए तकनीकी टीम अलग से कार्य करेगी, जो पल-पल की रिपोर्ट कंट्रोल रूम को भेजेगी। 2019 में हुए कुंभ के दौरान ड्यूटी पर रहे कर्मचारियों के अनुभव का इस्तेमाल महाकुंभ के सफल संचालन के लिए भी किया जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को रुकने के लिए अलग-अलग रंग के शेड बनेंगे जहां यात्रियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
नई तरह सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगे स्टेशन
देश के चुनिंदा बड़े स्टेशनों पर अब फेस रिकग्निशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की तैयारी हो रही है। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के प्रयागराज मंडल में इसकी शुरुआत प्रयागराज जंक्शन स्टेशन से होगी। अत्याधुनिक तकनीक वाले इस सीसीटीवी कैमरे को जहां-जहां लगाया जाएगा, उस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले सभी संदिग्धों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। इसके साथ ही ‘फेस रिकग्निशन’ तकनीक वाले इन कैमरों को लगाए जाने के बाद अपराधियों को पकड़ने के साथ ही उनकी निगरानी भी आसानी से की जा सकेगी।
प्रयागराज जंक्शन और अन्य रेलवे स्टेशनों पर लगने वाले इन हाईटेक तकनीक वाले कैमरों के साथ ही फेस रिकग्निशन सिस्टम सॉफ्टवेयर भी कम्प्यूटर्स में इंस्टाल किए जाएंगे। फेस रिकग्निशन सिस्टम के जरिए उन संदिग्धों और अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा, जो चेहरा छिपाकर या भेष बदलकर रेलवे स्टेशन पर जाएंगे। इस सिस्टम के जरिये अपराधियों या संदिग्धों की पहचान सिर्फ उनके चेहरे से ही नहीं होगी, बल्कि उनकी आंखों की रेटिना की पहचान के जरिये भी उन्हें ट्रेस कर लिया जाएगा।