अंतरिक्ष कंसल
कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शिक्षा
विभाग के सामने जहर खाने वाली शिक्षिकाओं के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर
ममता सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि एक समय था जब पश्चिम बंगाल शिक्षा के मामले में पूरे
देश में अव्वल था लेकिन आज की राज्य सरकार शिक्षकों के साथ तालिबानी बर्ताव कर रही है। गुरुवार को इको
पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे दिलीप घोष ने मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि पश्चिम बंगाल शिक्षा के लिए
पूरी दुनिया में मशहूर है लेकिन यहां के शिक्षकों की दुर्दशा ऐसी है कि उन्हें जहर खाना पड़ रहा है। उनका तबादला
इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वे वेतन नहीं मिलने पर सरकार का विरोध कर रहे हैं। जो हुआ उनके लिए कम
से कम थोड़ी सहानुभूति दिखानी चाहिए थी।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने जहर खाने वाली शिक्षिकाओं को भारतीय जनता
पार्टी का कैडर करार दिया था और आरोप लगाया था कि वाममोर्चा के शासन के दौरान अवैध तरीके से शिक्षकों की
भर्ती की गई। शिक्षआ मंत्री के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए घोष ने कहा जिस तरह की अमानवीय बातों का
वे इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके लिए लोग तृणमूल नेताओं को माफ नहीं करेंगे। कम से कम दया तो दिखाओ। हम
जानते हैं कि आप भुगतान नहीं कर सकते। क्योंकि, वोट ख़रीदने के लिए बांटने के बाद पैसा खत्म हो गया है।
शिक्षक, सरकारी कर्मचारी कहां से पैसा लेंगे। शिक्षा मंत्री की टिप्पणी बेहद अमानवीय है। उन्होंने आगे कहा कि
शिक्षकों को भाजपा का कैडर बताया जा रहा है। मैं खुद नहीं जानता कि वे भाजपा के लोग हैं या नहीं। हमारा उस
संगठन से कोई संबंध नहीं है। मैं कभी नहीं गया, मुझे नहीं पता।
लेकिन वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। उनका यह अधिकार है। सरकार मानती है या नहीं यह अगला मुद्दा
है। कम से कम उनसे बात की जानी चाहिए। आत्महत्या करने की कोशिश करने पर उनका मजाक बनाया जा रहा
है।