कैलाश मानसरोवर से लेकर अमेरिका के शिकागो तक हिन्दुत्व चर्चा में है। लगता है 2019 का लोकसभा चुनाव सिर्फ हिन्दुत्व के मुद्दे पर ही लड़ा जायेगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गये हुए हैं तो दूसरी तरफ अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व हिन्दू सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दु समुदाय से एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करने की अपील की। भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज में प्रतिभावान लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन उसके बावजूद वे कभी साथ नहीं आते हैं।’ भागवत ने अपने संबोधन में चिंता जताई कि हिन्दू हजारों वर्षों से प्रताड़ित हो रहे हैं क्योंकि वे अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना और आध्यात्मिकता को भूल गये हैं।
खास बात यह रही कि इसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक अन्य वक्ता ने अंतरधार्मिक विवाह का मुद्दा उठाते हुए शर्मिला टैगोर और नवाब पटौदी की शादी पर सवाल खड़े कर दिये। जब वह यह सवाल उठा रहे थे तब भागवत यह सब सुन रहे थे। वक्ता का कहना था कि चाहे शर्मिला टैगौर का मामला हो या किसी अन्य का, दरअसल यह लव जेहाद का मामला है। उनका कहना था कि वास्तविक धर्म परिवर्तन तब माना जाता है जब आप उस धर्म में आस्था रख कर वहां जा रहे हों लेकिन अगर आप सिर्फ अपने लाभ के लिए जैसे विवाह के लिए धर्म परिवर्तन, वहां जा रहे हैं तो यह गलत है। उन्होंने कहा कि शर्मिला टैगौर ही क्यों सैफ अली खान और करीना कपूर का मामला देख लीजिये। करीना कपूर ने तो इस्लाम अपनाया ही नहीं।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हिंदू दर्शन के विभिन्न पहलु विश्व के समक्ष पेश कई समस्याओं का हल दे सकते हैं। साथ ही उन्होंने हिंदुत्व के विचारों से और लोगों को जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का आह्वान किया। मोदी ने दूसरे विश्व हिंदू कांग्रेस को भेजे अपने संदेश में कहा कि विभिन्न प्राचीन महाकाव्यों एवं शास्त्रों को डिजिटल स्वरूप में लाने से युवा पीढ़ी उनके साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह आने वाली पीढ़ी के लिए महान सेवा होगी।’’
मोदी ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के युग में मैं विशेष रूप से इस सम्मेलन के सम्मानित प्रतिनिधियों का आह्वान करता हूं कि वे उन तरीकों पर विचार करें जिनके इस्तेमाल से हिंदुत्व के विचार से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सकता है। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में 60 से अधिक देशों के करीब 2500 प्रतिनिधि और हिंदू नेता शामिल हुए।
मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि यह सम्मेलन शिकागो में हो रहा है जो प्रत्येक भारतीय को उस गौरवान्वित क्षण की याद दिलाता है जब स्वामी विवेकानंद ने 1893 में ‘विश्व धर्म संसद’ को संबोधित किया था। वह भी 125 वर्ष पहले सितंबर के महीने में।