विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राज्य में शुक्रवार को बंद के कारण आम जनजीवन थम सा गया है। सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), कांग्रेस, वाम दलों और जन संगठनों ने प्रत्येका होडा साधना समिति (पीएचएसएस) द्वारा आहूत बंद का समर्थन किया, जो राज्य को विशेष दर्जा दिलाने के लिए लड़ रही है। छात्रों और श्रमिक समूहों ने भी इसे समर्थन दिया है।
संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने के दिन पीएचएसएस के अध्यक्ष चालसानी श्रीनिवास ने कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा पूरा नहीं करने और राज्य की दुर्दशा की ओर राष्ट्र का ध्यान आकर्षित करने के लिए बंद का आह्वान किया गया है। आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बसें सड़कों से नदारद हैं, जबकि दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।
श्रीनिवास ने राज्य कांग्रेस प्रमुख रघुवीरा रेड्डी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेताओं के साथ विजयवाड़ा में जवाहरलाल नेहरू बस स्टैंड के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वाम दलों और छात्र समूहों ने विशाखापत्तनम में विरोध प्रदर्शन किया। गुंटूर, राजामुंदरी, तिरुपति, कुरनूल, अनंतपुर और अन्य शहरों में भी प्रदर्शन हुए। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और तेदेपा विधायक काले बैज (बिल्ले) लगाकर विधानसभा सत्र में भाग लेंगे। सरकारी कर्मचारी संघ ने भी कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपनी ड्यूटी करते समय काले बैज लगाए।आंध्र प्रदेश लॉरी ओनर्स एसोसिएशन, निजी स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधन भी बंद का समर्थन कर रहे हैं। साल 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलंगाना बनने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में घोषणा की थी कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा।तेदेपा ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार करने पर पिछले साल इससे गठबंधन तोड़ लिया था। चंद्रबाबू नायडू, जिन्होंने मोदी सरकार पर भी आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 में की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने आरोप लगाया है, वह 11 फरवरी को नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे।