नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम (MCD), शाहदरा दक्षिण क्षेत्र और इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (IPCA) द्वारा शाहदरा दक्षिण क्षेत्र (SSZ) की ऐसी 100 सोसाइटियों और संस्थानों को आज उद्योग सदन ऑडिटोरियम पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में एक समारोह आयोजित कर सम्मानित किया गया जिन्होंने विगत 3 माह में अपने क्षेत्र को कचरा रहित (Zero Waste) बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है , उल्लेखनीय है विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अभियान के अंतर्गत MCD की इस पहल का क्रियान्वयन इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (IPCA) द्वारा किया गया है ।
विशेष रूप से शाहदरा दक्षिण क्षेत्र में इस अभियान के लागू होने के 3 माह के भीतर इन 100 सोसायटियों और संस्थानों द्वारा जीरो वेस्ट का दर्जा हासिल करना एक अभुतपूर्त उपलब्धि है जिसको श्रीमती वंदना राव, आईएएस, उपायुक्त, शाहदरा दक्षिण क्षेत्र (एसएसजेड), दिल्ली नगर निगम और श्री रुबल सिंह, आईआरएस, सहायक आयुक्त, शाहदरा दक्षिण क्षेत्र, नगर निगम एवं आईपीसीए के कुशल मार्गदर्शन में इस अनूठे अभियान की परिकल्पना और कार्यान्वयन किया गया था।
इस सम्मान समारोह कार्यक्रम में दिल्ली की माननीय मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रही साथ ही श्रीमती मुनेश डेढ़ा, पार्षद, कोंडली; श्री रविंदर नेगी, पार्षद विनोद नगर; श्रीमती रचना सेठी, पार्षद, आई.पी. एक्सटेंसन ; श्रीमती ज्योति रानी, पार्षद, विश्वास नगर; श्रीमती वंदना राव, आईएएस, उपायुक्त, शाहदरा दक्षिण ज़ोन, एमसीडी और श्री रूबल सिंह, सहायक आयुक्त, शाहदरा दक्षिण ज़ोन, एमसीडी इस समारोह के दौरान मौजूद थे
कार्यक्रम में दिल्ली के माननीय महापौर और संबंधित पार्षदों द्वारा सोसायटियों और संस्थानों के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया। यह आयोजन सोसायटियों और संस्थानों के प्रयासों के महत्व को उजागर करके एक स्वच्छ और हरित वातावरण बनाने के सन्दर्भ में एक विशेष भूमिका का निर्माण कर रहा है जिससे निश्चित रूप से समाज में इस प्रकार के कार्यो को प्रोत्साहन मिलेगा।
डॉ शैली ओबेरॉय ने सभा को अपने संबोधन में इस पहल की सराहना की और व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “प्रदूषण एक बड़ी समस्या है और हम सभी को अपने व्यक्तिगत प्रयासों से इससे लड़ना होगा। शाहदरा साउथ जोन द्वारा अपनाए गए मॉडल को एमसीडी के अन्य जोनों में दोहराया जाएगा”। उन्होंने लैंडफिल पर कचरे की बढ़ती मात्रा के मुद्दे पर भी ध्यान दिलाया और इस मुद्दे से निपटने के लिए नगर पालिकाएं कैसे सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
श्रीमती वंदना राव ने शून्य अपशिष्ट सोसायटियों और संस्थानों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और उनसे यह भी आग्रह किया कि वे अपने कचरे को स्रोत पर ही अलग करते रहें ताकि लैंडफिल तक पहुंचने वाले कचरे की मात्रा को कम किया जा सके। उन्होंने कहा “यह सिर्फ शुरुआत है और आने वाले भविष्य में शाहदरा दक्षिण क्षेत्र से अधिक समाज विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अभियान में भाग लेंगे”
आईपीसीए के संस्थापक और निदेशक श्री आशीष जैन ने देश में उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे के खतरनाक आंकड़ों को साझा करते हुए सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि “इस मॉडल ने जिस कार्य योजना का उपयोग किया है वह अपने आप में अनूठी है और यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि शाहदरा दक्षिण क्षेत्र की 100 सोसायटियों ने केवल तीन माह में इस मॉडल को अपनाया”। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे यह मॉडल अपशिष्ट श्रमिकों के कौशल में सुधार कर रहा है और उनकी प्रति व्यक्ति आय को प्रभावित कर रहा है।
उल्लेखनीय है विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अभियान के अंतर्गत इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (IPCA) और दिल्ली नगर निगम द्वारा 1 अप्रैल 2023 के महीने में शाहदरा दक्षिण क्षेत्र, पूर्वी दिल्ली के बल्क वेस्ट जेनरेटर्स के लिए के इस अनूठे मॉडल की शुरुआत की। इस अभियान में भाग लेने वाले संस्थानों को समग्र समाधान प्रदान हेतु कचरे के स्रोत पर जैविक कचरे के प्रबंधन के लिए प्रति 35 घरों एक एरोबिन कंपोस्टर (क्षमता 400 लीटर) स्थापित किया गया है तथा सूखे कचरे को एकत्र कर रीसाइक्लिंग/सह-प्रसंस्करण के लिए चैनलाइज किया। आईपीसीए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और कंपोस्टरों के प्रबंधन पर हाउसकीपिंग स्टाफ और अपशिष्ट श्रमिकों की क्षमता का प्रशिक्षण करता है। अब तक, इस अभियान के तहत 100 समाजों और संस्थानों के 15000+ परिवार शून्य अपशिष्ट बन गए हैं, जहाँ प्रतिदिन 4 मीट्रिक टन जैविक कचरे का उपचार किया जा रहा है, 8 मीट्रिक टन सूखे कचरे को पुनर्चक्रण/सह-प्रसंस्करण और 12 मीट्रिक टन ठोस के लिए संसाधित किया जा रहा है। कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका जा रहा है। खाद बनाने के लिए कुल 1,25,000 किलोग्राम जैविक कचरे को चैनलाइज़ किया जा रहा है और एक महीने में 25,000 किलोग्राम कुल खाद को एरोबिन्स के माध्यम से लैंड फील में जाने से रोका गया।
IPCA प्लास्टिक कचरे को अपनी प्लास्टिक रीसाइक्लिंग सुविधा के लिए चैनलाइज़ कर रहा है, जहाँ कम मूल्य वाले प्लास्टिक कचरे को प्लास्टिक चिप बोर्डों में पुनर्नवीनीकरण किया जाता है, जिन्हें उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है।